चार पर्वत श्रृंखलाओं पर आरोहण को पतंजलि, निम, आईएमएफ की टीम रवाना
उत्तरकाशी/देहरादून, 14 सितंबर : उत्तराखण्ड के उत्तरकाशी जनपद स्थित पवित्र गंगोत्री धाम में एक भव्य समारोह में रक्तवन ग्लेशियर एवं अन्य तीन पर्वत चोटियों पर आरोहण हेतु जा रहे पतंजलि आयुर्वेद, नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (निम) एवं भारतीय पर्वतारोहण संस्थान (आई.एम.एफ.) के संयुक्त अभियान दल काे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हरी झंडी दिखा कर रवाना किया।
इस अवसर पर श्री धामी ने गंगोत्री धाम में पूजा अर्चना कर प्रदेश की खुशहाली की कामना की एवं मां गंगा का आशीर्वाद लिया। उन्होंने करीब एक किलोमीटर रक्तवन ग्लेशियर जा रहे दल के साथ ट्रैकिंग भी की। उन्होंने आयोजित कार्यक्रम में मां गंगा की निर्मलता, अविरलता और स्वच्छता को लेकर शपथ दिलाई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पतंजलि आयुर्वेद, निम एवं आई.एम.एफ. का यह संयुक्त ट्रैकिंग अभियान उत्तराखंड एवं भारतवर्ष के लिए मील का पत्थर साबित होगा। इस ट्रैक के माध्यम से आयुर्वेद, जड़ी बूटी एवं वनस्पतियां औषधियों के नए स्वरूप सामने आएंगे। यह अभियान आयुर्वेद, जड़ी बूटी में क्षेत्र में भी सहायता करेगा। उन्होंने कहा कि भारत ने संपूर्ण विश्व को योग एवं आयुर्वेद की उपयोगिता को बताया है।
श्री धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हमारी सरकार ने संकल्प लिया है कि हम उत्तराखंड को विश्व की सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक राजधानी बनाएंगे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने केदार की भूमि से 21वीं सदी का तीसरा दशक उत्तराखंड काे बताया। इस संकल्प को पूर्ण करने हेतु हम दिन-रात प्रयासरत हैं। उन्होंने कहा कि इस बार चार धाम यात्रा में अभी तक 32 लाख (रजिस्टर्ड) श्रद्धालुओं ने यात्रा की है। मां गंगा एवं बाबा केदार के आशीर्वाद से यात्रा सुगम एवं सुरक्षित चल रही है। उन्होंने कहा कि कावड़ यात्रा के दौरान करीब चार करोड़ कावड़िये शिव भक्त उत्तराखंड आए। पहली बार हमारी सरकार ने कांवड़ यात्रा में बजट का प्रावधान किया।
समारोह में योग गुरु स्वामी रामदेव ने कहा कि मुख्यमंत्री धामी के नेतृत्व में उत्तराखंड आध्यात्म एवं सांस्कृतिक राजधानी बनने जा रहा है। उत्तराखंड दुनिया का आयुर्वेद के क्षेत्र में नेतृत्व करें, इसके लिए पतंजलि, सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर कार्य कर रही है, जिसके लिए हम एक हजार करोड़ से ज्यादा का निवेश करेंगे। उन्होंने कहा कि युवा राज्य का विकास युवा मुख्यमंत्री से ही संभव हो सकता है। मुख्यमंत्री के नेतृत्व में ही देश में सबसे पहले उत्तराखंड राज्य, समान नागरिक संहिता लागू किए जाने पर कार्य कर रहा है।
आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि इस अभियान के तहत हमारे द्वारा प्रकृति को संस्कृति से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि निश्चित ही इस अभियान से हम सभी नया आयाम व मुकाम लेकर लौटेंगे, इस ट्रैक के माध्यम से ऐसी वनस्पतियां औषधियां जो किसी सूची में नहीं है, उन्हें खोजने का काम करेंगे, उन्हें इस यात्रा ट्रैक को शोध आधारित यात्रा बताया।
उल्लेखनीय है कि निम उत्तरकाशी तथा पतंजलि आयुर्वेद, हरिद्वार और आईएमएफ द्वारा संयुक्त रूप से गंगोत्री के रक्तवन ग्लेशियर क्षेत्र में पर्वतारोहण तथा अन्वेषण अभियान 15 दिन तक आचार्य बालकृष्ण के नेतृत्व में किया जा रहा है। इस संयुक्त अभियान के दौरान, अनाम तथा अनारोहित पर्वत शिखरों का आरोहण तथा हिमालय के इस दुर्गम क्षेत्र में अन्वेषण का कार्य सम्पन्न किया जायेगा।
उल्लेखनीय है कि इस इलाके में स्वतन्त्रता के पश्चात 1981 में अन्वेषण का कार्य संयुक्त इंडो-फ्रेंच एक्सप्लोरेशन टीम द्वारा किया गया था। इस अन्वेषण दल को अथक प्रयासों के बाबजूद, आधे इलाके का भ्रमण करने में ही कामयाबी मिल पाई। इसके पश्चात इस इलाके में आजतक कोई भी दल आरोहण और वनस्पति की खोज में नहीं गया है।
इस संयुक्त अभियान का नेतृत्व निम के प्रधानाचार्य कर्नल अमित बिष्ट, सेना मेडल के अतिरिक्त आईएमएफ के दो पर्वतारोहण प्रशिक्षक दीप शाही, विनोद गुसांई तथा बिहारी सिंह राणा करेंगे। इसके साथ पतंजलि योगपीठ हरिद्वार से आचार्य बालकृष्ण के नेतृत्व में सात सदस्यीय टीम इस संयुक्त अभियान में प्रतिभाग कर रही है।
इस अवसर पर पूर्व जनसंपर्क अधिकारी मुख्यमंत्री किशोर भट्ट, जिलाधिकारी अभिषेक रुहेला, एसपी अर्पण यदुवंशी, जिला पंचायत अध्यक्ष दीपक बिजल्वाण,नगर पालिका अध्यक्ष रमेश सेमवाल, अपर जिलाधिकारी तीर्थपाल सिंह, एसडीएम चतर सिंह चौहान, मीनाक्षी पटवाल,जिलाध्यक्ष भाजपा रमेश चौहान, जिला महामंत्री हरीश डंगवाल, लोकेंद्र बिष्ट, प्रधानाचार्य निम कर्नल अमित बिष्ट, गंगोत्री मंदिर समिति के अध्यक्ष हरीश सेमवाल,सचिव सुरेश सेमवाल,सहित मंदिर समिति के पदाधिकारी एवं भारी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे।