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गुजरात में 47 हज़ार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया: पांडे

गांधीनगर, 14 जून: गुजरात राहत आयुक्त आलोक कुमार पांडे ने बुधवार को कहा कि संभावित चक्रवात से प्रभावित होने वाले ज़िलों में अब तक 47 हजार से अधिक नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया।

राज्य के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने आज गांधीनगर स्थित स्टेट इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर में उच्च स्तरीय बैठक आयोजित कर ‘बिपरजॉय’ चक्रवात के खिलाफ प्रशासन द्वारा किये गए कार्यों की जानकारी प्राप्त की। इस बैठक में मुख्य सचिव सहित अन्य उच्च अधिकारी भी उपस्थित रहे। बैठक में उन्होंने चक्रवात से संभावित स्थिति से निपटने के लिए प्रशासन की तैयारियों की जानकारी प्राप्त की तथा आवश्यक सुझाव दिए।

केंद्रीय मौसम विज्ञान विभाग की क्षेत्रीय निदेशक सुश्री मोहंती ने बैठक में मौसम की स्थिति के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि 15 जून को उत्तरी गुजरात के बनासकांठा, साबरकांठा, पाटण जैसे ज़िलों में भी बारिश होने का अनुमान है।

श्री पांडे ने इस समीक्षा बैठक में जानकारी देते हुए कहा कि संभावित चक्रवात से किसी भी प्रकार की जनहानि न हो इसके लिए राज्य सरकार पूर्ण रूप से बचाव एवं राहत कार्य के लिए तैयार है। राज्य सरकार द्वारा लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुँचाने के कार्य पर जोर देते हुए अब तक 47 हज़ार से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा चुका है। लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुँचाने का कार्य अभी भी प्रगति पर है तथा आज शाम तक यह कार्य शत-प्रतिशत पूर्ण हो जायेगा।

उन्होंने आगे जानकारी देते हुए बताया कि जूनागढ़ जिले में अब तक 4462, कच्छ में 17,739, जामनगर में 8542, पोरबंदर में 3469, द्वारका में 4863, गिर सोमनाथ में 1605, मोरबी में 1936 और राजकोट में 4497 समेत कुल मिलाकर 47,113 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया गया है।

राहत आयुक्त ने कहा कि चक्रवात संभावित ज़िलों में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की 17 और राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) की 12 टीमों को तैनात किया गया है। एनडीआरएफ की कच्छ में चार, देवभूमि द्वारका और राजकोट में तीन-तीन, जामनगर में दो तथा जूनागढ़, पोरबंदर, गिर सोमनाथ, मोरबी तथा वलसाड में एक-एक टीम तैनात की गयी है। इसके अलावा वडोदरा में तीन और गांधीनगर में एक टीम को रिजर्व रखा गया है। एसडीआरएफ की कच्छ, जामनगर और देवभूमि द्वारका में दो-दो टीमें हैं जबकि जूनागढ़, पोरबंदर, गिर सोमनाथ, मोरबी, पाटण तथा बनासकांठा में एक-एक टीम तैनात है। इसके अलावा सूरत में एक टीम को रिजर्व रखा गया है।

उन्होंने कहा कि तूफान की संभावित स्थिति को देखते हुए इन जिलों में चार हजार से अधिक होर्डिंग हटा दिए गए हैं। चक्रवात के बाद बिजली आपूर्ति बहाल करने के लिए पीजीवीसीएल की 597 टीमों को तैयार किया गया है। सब स्टेशनों में आवश्यक मात्रा में तार-खंभे भी उपलब्ध कराये गये हैं। इतना ही नहीं संभावित प्रभावित क्षेत्रों में अन्य ज़िलों से टीम बुलाकर तत्काल बिजली आपूर्ति बहाल करने के लिए तैयार रहने के निर्देश दिए गए है।

श्री पांडे ने कहा कि प्रभावित तटीय ज़िलों में सरकारी स्कूलों-कार्यालयों में सुरक्षित स्थानों पर शेल्टर होम तैयार किए गये हैं। जहाँ रहने, खाने और दवा सहित सभी आवश्यक व्यवस्थाएं की गयी हैं। इसके अलावा आस-पास के स्वास्थ्य केंद्रों और सरकारी और निजी अस्पतालों में पर्याप्त मात्रा में मेडिकल स्टाफ एवं दवा सहित अन्य आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध करा दी गई है। जनरेटर सेट तथा अन्य जरूरी स्वास्थ्य सेवाएं भी तैयार रखी गई हैं। उन्होंने आगे कहा कि राज्य सरकार बचाव कार्य के लिए संबंधित जिला प्रशासन को तत्काल हर संभव सहायता उपलब्ध कराने के लिए लगातार संपर्क में है।

मुख्य सचिव राज कुमार ने इस संबंध में उत्तर गुजरात के जिलों के ज़िलाधीशों आैर प्रशासन को भी पूर्व में ही तैयारी करने के दिशानिर्देश दिए। उन्होंने कहा कि भारी वर्षा या चक्रवात के चलते संचार प्रणाली के प्रभावित होने की स्थिति में उससे निपटने के लिए सैटेलाइट फोन, हेम रेडियो ऑपरेटर, जी-स्वान नेटवर्क की सेवाएं भी एहतियात के तौर पर तैयार रखी गई हैं। इसके अलावा इन्ट्रा सर्कल पद्धति यानी मोबाइल सर्विस ऑपरेटरों को भी एहतियात के तौर पर वैकल्पिक टावर चालू रखने को कहा गया है।

इस समीक्षा बैठक में राजस्व एवं स्वास्थ्य विभाग के मुख्य सचिवों सहित वरिष्ठ प्रमुख सचिवों, सचिवों एवं अधिकारियों ने मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल को अपने विभागों द्वारा अब तक किये गये कार्यों का ब्यौरा दिया है।

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