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धर्मांतरण विरोधी कानून को निरस्त किये जाने की योजना के खिलाफ भाजपा की प्रदर्शन की धमकी

बेंगलुरु 17 जून : कर्नाटक की कांग्रेस सरकार के धर्मांतरण विरोधी कानून को वापस लिये जाने की योजना के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बड़े विरोध प्रदर्शन की धमकी दी है।
यह फैसला कर्नाटक में कांग्रेस सरकार द्वारा तीन जुलाई से शुरू होने वाले विधानसभा सत्र के दौरान मौजूदा गोहत्या कानून में संशोधन के लिए एक विधेयक पेश करने के संकल्प के बाद आया है।
इससे पहले कर्नाटक की भाजपा सरकार के कार्यकाल में धर्मांतरण विरोधी कानून लागू किया गया था।
भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव सीटी रवि ने आरोप लगाया कि कांग्रेस नई मुस्लिम लीग है और वह हिंदुओं को चोट पहुंचाने के लिए किसी भी हद तक जाएगी।
पूर्व उपमुख्यमंत्री आर अशोक ने कांग्रेस पर धर्मांतरण के लिए एक राजदूत बनने और कर्नाटक को टीपू सुल्तान युग में धकेलने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि 19 जून को विधानसभा के अंदर और बाहर विरोध प्रदर्शन करने के लिए चर्चा होगी।

श्री अशोक ने आरोप लगाया कि पैसे, लव जिहाद, और चिकित्सा उपचार के वादों जैसे प्रलोभनों के माध्यम से 30 से 40 लाख तक लोगों को कथित रूप से जबरन परिवर्तित या फुसलाया गया था। वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस और भाजपा दोनों के बीच गोहत्या पर प्रतिबंध हटाने और स्कूल की पाठ्यपुस्तकों में संशोधन सहित कई राजनीतिक रूप से संवेदनशील मुद्दों पर आमना-सामना हुआ है। पशुपालन मंत्री के वेंकटेश ने गोवध पर प्रतिबंध कानून के पुनर्मूल्यांकन का संकेत देकर यह कहकर तूफान खड़ा कर दिया था कि अगर भैंसों का वध किया जा सकता है तो गायों का क्यों नहीं।
2024 के लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस और भाजपा दोनों के बीच गोहत्या पर प्रतिबंध हटाने और स्कूल की पाठ्यपुस्तकों में संशोधन सहित कई राजनीतिक रूप से संवेदनशील मुद्दों पर आमना-सामना हुआ है। पशुपालन मंत्री के वेंकटेश ने पुनर्मूल्यांकन का संकेत देकर तूफान खड़ा कर दिया था । उन्होंने गोवध कानून पर प्रतिबंध को लेकर कहा कि अगर भैंसें काटी जा सकती हैं तो गायों की क्यों नहीं।

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