अनुकूल व्यावसायिक माहौल को बढ़ावा देने के लिए सरकार प्रतिबद्ध: केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल
नयी दिल्ली 28 जून : केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि सरकार उत्पादन से जुड़े प्रोत्साहन (पीएलआई) क्षेत्रों में अनुकूल व्यावसायिक माहौल बनाने और विकास में तेजी लाने के लिए प्रतिबद्ध है।
श्री गोयल वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) द्वारा पीएलआई योजनाओं पर आधारित कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे। मंत्री ने पीएलआई योजना की नीतियों, प्रक्रियाओं तथा प्रभावशीलता को आकार देने के लिए उद्योग की प्रतिक्रिया और सहयोगी कार्य को प्रोत्साहित किया।
श्री गोयल ने उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों के उत्पादन पर उद्योग की एकाग्रता के महत्व पर बल दिया, जो उद्योग और उपभोक्ताओं दोनों की आवश्यकताओं को पूरा करते हैं। उन्होंने पीएलआई लाभार्थियों से किसी भी प्रक्रिया संबंधी चुनौतियों/विषयों को लागू करने वाले संबंधित मंत्रालय/विभाग के समक्ष उठाने का आग्रह किया ताकि सकारात्मक सुधार लाया जा सके और पीएलआई योजना को अधिक कुशल व प्रभावी बनाया जा सके। मंत्री ने कहा कि कार्यान्वयन मंत्रालय/विभाग के सरकारी अधिकारियों को अपने संबंधित पीएलआई लाभार्थियों के साथ नियमित परामर्श और गोलमेज बैठक करनी चाहिए, ताकि मुद्दों को तुरंत हल किया जा सके।
उन्हाेंने सभी हितधारकों से एक ऐसा माहौल बनाने के लिए मिल कर काम करने का आग्रह किया, जो हमारे उद्योगों के विकास, नवाचार और प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा दे। इस कार्यशाला का उद्देश्य सभी प्रमुख हितधारकों को एक मंच पर लाना तथा उनमें स्वामित्व की भावना पैदा करना था ताकि वे 14 प्रमुख क्षेत्रों के अंतर्गत पीएलआई योजनाओं के प्रभावी कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए अपने ज्ञान और अनुभवों का आदान-प्रदान कर सकें।
इस कार्यशाला का आयोजन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के भारत को मैन्युफैक्चरिंग का वैश्विक केंद्र (हब) बनाने के विजन के अनुरूप किया गया। इसमें 14 प्रमुख क्षेत्रों के अंतर्गत 10 कार्यान्वयन केंद्रीय विभागों, कंपनियों/पीएलआई लाभार्थियों, विभिन्न परियोजना प्रबंधन एजेंसियों (पीएमए) जैसे आईएफसीआई, सिडबी, मैकॉन, आईआरईडीए और एसईसीआई, चुनिंदा उद्योग संघों (सीआईआई, फिक्की, एसोचैम और पीएचडीसीसीआई) तथा संबंधित निर्यात संवर्धन परिषदों यानी एफआईईओ, ईईपीसी और टीईपीसी ने भाग लिया।
इसमें विस्ट्रॉन, फॉक्सकॉन, सैमसंग, डेल, विप्रो जीई, डॉ. रेड्डीज, टाटा मोटर्स, महिंद्रा एंड महिंद्रा, नोकिया सॉल्युशंस, आईटीसी, डाबर, जेएसडब्ल्यू और रिलायंस जैसी प्रतिष्ठित कंपनियों को समूह शामिल का समूह शामिल हुआ। उनकी उपस्थिति ने विभिन्न तरह के दृष्टिकोण सुनिश्चित किए और ज्ञान साझाकरण तथा नेटवर्किँग के वातावरण को बढ़ावा दिया। सरकारी अधिकारियों के साथ इन कंपनियों के प्रमुख अधिकारी कार्यशाला के दौरान सहयोगी खुली चर्चा, इंटरेक्टिव सत्र और प्रस्तुतियों में सक्रिय रूप से शामिल रहे।
इस दौरान पीएलआई योजनाओं की समग्र उपलब्धि पर चर्चा की गई। 62,500 करोड़ रुपये का वास्तविक निवेश (मार्च 2023 तक) प्राप्त किया गया है, जिसके परिणास्वरूप 6.75 लाख करोड़ रुपये से अधिक का उत्पादन/बिक्री हुई है और लगभग 3,25,000 रोजगार सृजन हुए हैं। वित्त वर्ष 2022-23 तक निर्यात में 2.56 लाख करोड़ रुपये की वृद्धि हुई। पीएलआई योजनाओं के अंतर्गत वित्त वर्ष 2022-23 में लगभग 2,9000 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि वितरित की गई।