अच्छा हुए चले गए जीतनराम मांझी साथ होते तो भाजपा को सूचना पहुंचाते रहते : नीतीश
पटना 16 जून : बिहार के मुख्यमंत्री एवं जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के शीर्ष नेता नीतीश कुमार ने हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के संतोषी मांझी के मंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद मचे राजनीतिक घमासान के बीच आज आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने श्री जीतनराम मांझी से कहा था कि वह अपनी पार्टी हम का जदयू में विलय कर दें या फिर अलग हो जाएं, यदि वे (श्री मांझी) साथ रहते तो भाजपा को सूचना पहुंचाते रहते।
श्री कुमार ने शुक्रवार को यहां राजभवन में श्री रत्नेश सादा के शपथ ग्रहण के बाद संवाददाताओं से बातचीत के दौरान श्री जीतनराम मांझी के महागठबंधन सरकार से अलग होने के सवाल पर कहा, “हमने श्री मांझी से कहा था कि अपनी पार्टी का जदयू में विलय कीजिये या फिर अलग हो जाइए। अगर वे साथ रहते तो भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को सूचना पहुंचाते रहते। देश की विपक्षी पार्टियों की पटना में बैठक होने वाली है। वह चाहते थे कि उस बैठक में वह (श्री मांझी) भी रहें। ये बात सबको मालूम है कि वो भाजपा के लोगों से मिल रहे थे। हमारे यहां भी वे आकर मिल रहे थे और सब बात कहते थे। इसकी जानकारी मुझे थी।”
मुख्यमंत्री ने कहा, “एक बार हमसे जब वह (श्री मांझी) मिलने आए तो हमने उनसे कहा कि आपको हमने जितना सम्मान दिया है उतना कोई और नहीं दे सकता है। आप या तो अपनी पार्टी का जदयू में विलय कीजिए या फिर अलग होना है तो अलग हो जाइये। उन्होंने पार्टी के विलय होने को नहीं स्वीकार किया और अलग हो गए। विपक्षी दलों की बैठक में सबलोग अपनी-अपनी पार्टी की बात करते और अगर ये लोग साथ रहते तो बैठक में जो कुछ भी बातें होती वो सारी बातें भाजपा को खबर हो जाती। हम तो अपने कोटा से उनको मंत्री बनाए थे।”