मणिपुर में विशाल शांति रैली निकाली गई
इंफाल, 29 जुलाई: मणिपुर में संकट के लिए कथित रुप से जिम्मेदार कुकी चिन ‘उग्रवादियों’ के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर शनिवार को हजारों लोगों ने एक विशाल शांति रैली निकाली।
मणिपुर संकट पर चर्चा के लिए मणिपुर इंटीग्रिटी पर समन्वय समिति (कोकोमी) द्वारा आयोजित रैली थांगमेइबैंड से शुरू हुई और हप्ता कांगजीबुंग में समाप्त हुई। रैली में भाग लेने वालों ने मणिपुर जिंदाबाद, अवैध घुसपैठ बंद करो, एनआरसी लागू करो, मणिपुर में कोई अलग प्रशासन नहीं, स्वदेशी लोगों की रक्षा करो, वन और पर्यावरण की रक्षा करो और महिलाओं के खिलाफ अपराध बंद करो जैसे नारे लगाए।
आयोजकों को पांच संकल्प लेने के लिए काफी देर तक इंतजार करना पड़ा, क्योंकि राज्य भर से नागा जनजाति, मुस्लिम, मैतेई और अन्य समुदायों के लोग बड़ी संख्या में मैदान की ओर आ रहे थे। रैली में शामिल लोगों ने दूसरे देशों से आए चिन कुकी को उखाड़कर संघर्ष खत्म करने का संकल्प लिया। मणिपुर में पृथक प्रशासन का विरोध करने का भी निर्णय लिया गया।
उन्होंने मणिपुर में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) लागू करने का भी संकल्प लिया। पांच अगस्त तक मणिपुर विधानसभा को बुलाने की मांग करने का निर्णय लिया गया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को एक ज्ञापन सौंपने का निर्णय लिया गया। आयोजकों ने कहा कि रैली सभी को यह बताने के लिए निकाली गई कि मणिपुर में संकट अवैध प्रवासियों द्वारा शुरू किया गया था। प्रेसीडियम सदस्य युमनामचा दिलीप कुमार ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मणिपुर का दौरा किया था और 15 दिनों के बाद लौटने का वादा किया था, लेकिन वह नहीं आये।
उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र ने 40 हजार से अधिक सैनिक भेजे थे। उनका हालांकि, इस्तेमाल मणिपुर के लोगों की सुरक्षा के लिए नहीं किया गया। उन्होंने बताया कि एक वीडियो के वायरल होने और मणिपुर के लोगों द्वारा इसकी निंदा किये जाने के बाद प्रधानमंत्री ने अपनी चुप्पी तोड़ी। तीन मई को चुराचांदपुर जिले में एक विशेष समुदाय के खिलाफ महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराध की खबर सुनकर लोग स्तब्ध रह गए और गुस्साए लोगों ने अगले दिन चार मई को घाटी के विभिन्न हिस्सों में घरों को जलाने, हत्याओं के विरोध में प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा, चुराचांदपुर और कांगपोकपी जिलों में लोगों को बंधक बनाकर रखा गया है, जिनमें ज्यादातर महिलाएं और बच्चे हैं।
सरकार ने विस्थापितों को एक हजार रुपये देने की घोषणा की। श्री दिलीप ने कहा कि जिस व्यक्ति ने अपना घर और आजीविका खो दी है, वह एक हजार रुपये के साथ क्या करेगा। प्रेसीडियम सदस्य आरके निमाई ने कहा कि कुकी लोगों ने लोगों पर हमला करके और घरों को जलाकर मैतेई समुदाय को संघर्ष में खींच लिया है। उन्होंने कहा, शांतिप्रिय मैतेई लोगों को अपनी रक्षा करने के लिए मजबूर होना पड़ा। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे हथियारबंद कुकी उग्रवादियों के खिलाफ कार्रवाई करें, न कि निहत्थे लोगों के खिलाफ कार्रवाई करें।
मणिपुर इंटीग्रिटी कोकोमी पर समन्वय समिति द्वारा आयोजित ‘चिन कुकी के खिलाफ जन रैली’ में भाग लिया गया। संयोजक जीतेंद्र निंगोम्बम ने कहा कि मणिपुर के सभी नागरिक समाज संकट को हल करने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं।
इस दौरान बड़े पैमाने पर सुरक्षा व्यवस्था की गई।