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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पुतिन से टेलीफोन पर बातचीत कीमोदी ने पुतिन से टेलीफोन पर बातचीत की

नयी दिल्ली, 30 जून : अमेरिका की यात्रा से लौटने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से टेलीफोन पर बातचीत की और भारत-रूस विशेष एवं विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझीदारी को मजबूत करने का संकल्प दोहराया।

प्रधानमंत्री कार्यालय ने यहां बताया कि दोनों नेताओं ने अपने द्विपक्षीय सहयोग में प्रगति की समीक्षा की तथा आपसी हित के क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया।

राष्ट्रपति श्री पुतिन ने श्री मोदी को रूस के हालिया घटनाक्रम की जानकारी दी। जबकि प्रधानमंत्री ने रूसी राष्ट्रपति को अपनी अमेरिका एवं मिस्र की यात्राओं के बारे में बताया।

प्रधानमंत्री ने यूक्रेन के हालात पर चर्चा करते हुए बातचीत और कूटनीति का रास्ता अपनाने का अपना आह्वान दोहराया जबकि रूसी राष्ट्रपति ने यूक्रेन के आसपास की स्थिति पर चर्चा में विशेष सैन्य अभियान क्षेत्र में वर्तमान स्थिति पर अपना आकलन दिया। उन्होंने संघर्ष को रोकने के लिए राजनीतिक और राजनयिक कदम उठाने से यूक्रेन के नेतृत्व के पूर्ण इनकार करने का जिक्र किया और हठधर्मिता का आरोप लगाया।

रूसी राजदूतावास के अनुसार भारतीय पक्ष की पहल पर हुई इस बातचीत में प्रधानमंत्री श्री मोदी ने रूस में 24 जून की घटनाओं के संबंध में, कानून और व्यवस्था की रक्षा, देश में स्थिरता और अपने नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए रूसी नेतृत्व के निर्णायक कार्यों के प्रति समझ और समर्थन व्यक्त किया।

रूसी पक्ष के मुताबिक दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय सहयोग के सामयिक मुद्दों पर चर्चा करते समय, विभिन्न क्षेत्रों में प्रमुख संयुक्त परियोजनाओं के निरंतर कार्यान्वयन के महत्व को रेखांकित किया और 2022 के दौरान और इस वर्ष की पहली तिमाही में द्विपक्षीय व्यापार में पर्याप्त वृद्धि पर संतोष व्यक्त किया।

दोनों नेताओं ने शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) और जी-20 के साथ-साथ ब्रिक्स प्रारूप में बातचीत पर विशेष ध्यान दिये जाने पर भी चर्चा हुई। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने अपने अंतरराष्ट्रीय संपर्कों के बारे में भी जानकारी दी जिसमें उनकी हाल ही में संपन्न वाशिंगटन एवं काहिरा यात्रा के दौरान के संपर्क भी शामिल हैं।

रूसी दूतावास ने कहा कि श्री पुतिन और श्री मोदी के बीच बातचीत सारगर्भित और रचनात्मक रही। नेताओं ने रूस और भारत के बीच विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने के अपने पारस्परिक इरादे की पुष्टि की और संपर्क बनाए रखने पर सहमति व्यक्त की।

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