पंजाब ने दूसरे राज्यों को दो सौ करोड़ रूपये से अधिक की बिजली बेची
जालंधर 16 जून : पंजाब बिजली बोर्ड (पीएसपीसीएल) राज्य की मांग 11 हजार मेगावाट पार होने के बावजूद अतिरिक्त करीब 200 करोड़ रूपये की 260 मिलियन यूनिट से अधिक की बिजली को पावर एक्सचेंज के जरिए दूसरे राज्यों को बेचने में सफल रहा है।
पंजाब इंजीनियर एसोसिएशन के प्रवक्ता वीके गुप्ता ने आज यहां बताया कि आसमान में आंशिक बादल छाए रहने के बावजूद पंजाब के सात जिलों में आठ घंटे बिजली आपूर्ति का दूसरा चरण शुरू होने से शुक्रवार को बिजली की मांग 11000 मेगावाट को पार कर गई। इस सीजन की अधिकतम बिजली की मांग आज करीब 11200 मेगावाट थी। कृषि आपूर्ति का तीसरा और चौथा चरण क्रमशः 19 और 21 जून से शुरू होगा। उन्होंने बताया कि इस माह से लेकर आज तक पीएसपीसीएल अपने पास उपलब्ध 260 मिलियन यूनिट से अधिक की सरप्लस बिजली को पावर एक्सचेंज के जरिए बेचने में सफल रही है।
गुप्ता ने बताया कि गोइंदवाल साहब (जीवीके) और लेहरा मोहब्बत संयंतों में एक-एक यूनिट को छोड़कर पंजाब में सभी तापीय इकाइयां काम कर रही हैं। कोयले की कमी के कारण जीवीके की एक इकाई बंद है।
पीएसपीसीएल का दावा है कि राज्य के भीतर लगभग 6,400 मेगावाट उत्पादन और केंद्र क्षेत्र और बीबीएमबी संयंत्रों में राज्य की 4,800 मेगावाट हिस्सेदारी और 2,950 मेगावाट की अल्पावधि व्यवस्था के साथ, यह 14,150 मेगावाट की मांग को पूरा करने की स्थिति में है और एटीसी/टीटीसी की सीमा में वृद्धि के साथ यह 15,350 मेगावाट को पूरा करने में सक्षम होगा। राज्यों का अपना सकल उत्पादन लगभग 5200 मेगावाट है। राज्य क्षेत्र की इकाइयां कम लोड पर चल रही हैं।
लेहरा मोहब्बत और रोपड़ थर्मल प्लांट में कोयले का स्टॉक क्रमशः 46 और 27 दिनों के लिए है। निजी क्षेत्र के थर्मल प्लांट राजपुरा में कोयले का स्टॉक 33 दिन, तलवंडी साबो में 7 दिन और जीवीके में केवल 2 दिन का स्टाक शेष है।
भाखड़ा जलाशय में जल स्तर 1575 फीट है जो पिछले वर्ष इसी दिन की तुलना में 8 फीट अधिक है। रंजीत सागर में जल स्तर 511.87 मीटर है जो इस वर्ष 6 मीटर से अधिक है।