केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने खड़गे और अधीर रंजन को पत्र लिखकर मणिपुर पर चर्चा में सहयोग मांगा
नयी दिल्ली, 25 जुलाई : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मणिपुर की स्थिति पर संसद में चर्चा को लेकर सत्ता पक्ष तथा विपक्ष के बीच बने गतिरोध को दूर करने की कोशिशों के तहत मंगलवार को राज्यसभा में विपक्ष के नेता मलिकार्जुन खड़गे तथा लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी को पत्र लिखकर मणिपुर की स्थिति पर चर्चा में सहयोग की अपील की।
श्री शाह ने ट्वीट करके कहा कि उन्होंने श्री खड़गे और श्री चौधरी को पत्र लिखकर उनसे संसद में मणिपुर के मुद्दे पर चर्चा में सहयोग करने की अपील की है। गृह मंत्री ने दोनों नेताओं को अलग-अलग लिखे पत्रों में कहा है कि सरकार मणिपुर के मुद्दे पर चर्चा करने के लिए तैयार है और उम्मीद करती है कि सभी दलगत राजनीति से ऊपर उठकर इस मुद्दे पर सहयोग करेंगे। उन्होंने कहा कि यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है और उन्हें आशा है कि सभी दल गतिरोध को दूर करने में सहयोग करेंगे।
श्री खड़गे को लिखे पत्र में गृह मंत्री ने कहा है कि राज्यसभा राज्यों की परिषद होने के नाते देश के लोकतांत्रिक ढांचे में एक विशेष स्थान रखती है। यह राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के हितों और आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व करती है। उन्होंने कहा कि कुछ घटनाओं के कारण मई की शुरुआत में मणिपुर में हिंसा की घटनाएं घटी है, कुछ शर्मनाक घटनाएं भी सामने आईं जिसके बाद समग्र देश की जनता पूर्वोत्तर की जनता और विशेष रूप से मणिपुर के लोग देश की संसद से अपेक्षा कर रहे हैं कि इस कठिन समय में सभी पार्टियां दलगत राजनीति से ऊपर उठकर मणिपुर की जनता के साथ खड़ी रहे। उन्होंने कहा ,“ मेरी आपके माध्यम से सभी विपक्षी दलों से विनती है कि वे अच्छे वातावरण में चर्चा के लिए आगे आएं।”
गृह मंत्री ने कहा है कि सभी को देश के सामने आने वाली चुनौतियों का न्याय संगत और स्थाई समाधान खोजने के लिए पार्टी लाइन से ऊपर उठकर सद्भाव से काम करना चाहिए ।
श्री चौधरी को लिखे गए पत्र में गृह मंत्री ने कहा , ” विपक्ष की मांग है कि सरकार मणिपुर के मुद्दे पर वक्तव्य दे। मैं आपको बताना चाहता हूं कि सरकार सिर्फ वक्तव्य ही नहीं बल्कि संपूर्ण चर्चा के लिए तैयार है लेकिन इसमें सभी दलों का साथ अपेक्षित है।मेरी आप के माध्यम से समग्र विपक्षी दलों से विनती है कि अच्छे वातावरण में आप चर्चा के लिए आगे आए। जनादेश के प्रतिनिधि के रूप में यह सबका सामूहिक कर्तव्य है कि हम नागरिकों के हितों की सेवा करें और राष्ट्र की बेहतरी के लिए सामूहिक रूप से काम करें।”
उल्लेखनीय है कि मणिपुर के मुद्दे पर चर्चा को लेकर सत्ता पक्ष तथा विपक्ष के बीच गतिरोध के कारण मानसून सत्र के पहले दिन से ही दोनों सदनों में कार्यवाही में व्यवधान आ रहा है।