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वैश्विक चुनौतियों के बावजूद वर्ष 2023 में भारतीय अर्थव्यवस्था रहेगी मजबूत

नयी दिल्ली 02 जनवरी : उद्योग संगठन एसोचैम ने आज कहा कि वैश्विक चुनौतियों के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत रहेगी क्योंकि महंगाई में नरमी और निवेश से अर्थव्यवस्था को गति मिलने के साथ ही उपभोक्ता मांग भी इसको गति देगा और भारतीय अर्थव्यवस्था वर्ष 2022-23 में 6.8 प्रतिशत से सात प्रतिशत की गति से बढ़ने का अनुमान है।

एसोचैम ने आज यहां एक बयान में कहा कि वर्ष 2023 चुनौतियों और अवसरों से भरा होगा। उसने कहा कि वैश्विक आर्थिक परिदृष्य बहुत जोखिम भरा प्रतित हो रहा है जबकि भारतीय अर्थव्यवस्था के मजबूत बने रहने की उम्मीद है। घरेलू मांग, स्वस्थ वित्तीय क्षेत्र और कंपनियों के बैंसेंट सीट में सुधार होने से भारतीय अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा। रबी फसलों की बुआई बढ़ने से कृषि क्षेत्र के प्रदर्शन के बेहतर रहने की उम्मीद है।

इसके साथ ही एफएमसीजी जैसे उद्योग का भी असर होगा। ट्रैक्टर, दो पहिया वाहन, विशेष रसायन और उर्वरक आदि क्षेत्र के बेहतर प्रदर्शन देखने को मिलेगा। इसके साथ ही ट्रेवल, होटल, परिवहन हाउसिंग, पावर, इलेक्ट्रानिक्स और ऑटोमोबाइल को उपभोक्ताओं को बेहतर प्रतिसाद मिल रहा है।

संगठन ने कहा कि भारतीय घरेलू मांग वैश्विक मांग में आ रही सुस्ती को दूर करने में सक्षम है। हालांकि भारत को अंतरराष्ट्रीय मुद्राओं में उतार चढ़ाव पर निगरानी करने की जरूरत है। उसने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था के 2.7 प्रतिशत कर दर से बढ़ने की उम्मीद है। उसने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था के वर्ष 2022-23 में 6.8 प्रतिशत से लेकर सात प्रतिशत की गति से बढ़ने की उम्मीद है और अगले वित्त वर्ष में भी इसका प्रदर्शन लगभग ऐसा ही रहेगा।

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