महंगाई का रोजगार पर दबाव नहीं
बेंगलुरू 26 अगस्त,: जॉब साइट इनडीड ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा कि महंगाई बढ़ने के बावजूद भी नौकरी करने वालों की आजीविका तथा खर्च के ऊपर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ा है और वह इससे बिल्कुल भी चिंतित नहीं हैं। इस साल हायरिंग में 29 फीसद की बढोतरी दर्ज की गयी है।
इनडीड ने अपनी तिमाही हायरिंग ट्रैकर रिपोर्ट में यह दावा करते हुये कहा कि हर 10 में से 6 नौकरी करने वालों का कहना है कि वे इससे बहुत ज्यादा प्रभावित नहीं हुए हैं। जिस प्रकार नौकरी करने वालों की सोच है उसी प्रकार 89 प्रतिशत नियोक्ता भी यही सोचते हैं कि महंगाई का नौकरियां देने तथा कर्मचारियों को उचित भुगतान देने में उन्हें कोई भी समस्या नहीं है।
इनडीड के हायरिंग ट्रैकर से यह भी पता चला है की अप्रैल से जून 2022 तक नियोक्ताओं ने नौकरी देने में 29 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है। इस तिमाही में नौकरी करने वाले लोगों में से 37 प्रतिशत ने नई नौकरी के लिए आवेदन किया है जोकि पिछली तिमाही में 46 प्रतिशत था।
इनडीड इंडिया के विक्रय प्रमुख शशि कुमार ने कहा, “आईटीए हेल्थकेयर, ई.कॉमर्स जैसे क्षेत्रों का विकास जारी रहेगा और 5जी के आने के साथ ही हम अगली आने वाली तिमाही में टेलीकॉम सेक्टर में नौकरियों में तेजी से वृद्धि देखेंगे। भारत में जॉब मार्केट लगातार तेजी से वृद्धि कर रहा है और लगातार विकसित भी हो रहा हैए यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले भविष्य में भारत किस प्रकार अपने लोगों को काम प्रदान करेगा तथा विकास की गति पर आगे बढ़ता रहेगा।”
रिपोर्ट में कहा गया है कि महंगाई बढ़ने के कारण कंपनियों को अपने कर्मचारियों को विभिन्न स्तर पर सहायता देने में कोई भी समस्या नहीं है चाहे कर्मचारी अपने खर्चों के लिए फुल टाइम या पार्ट टाइम अथवा कांट्रेक्चुअल कार्य करना चाहे। ज्यादातर कर्मचारी 63 प्रतिशत फुल टाइम काम करना पसंद करते हैं जबकि 26 प्रतिशत कर्मचारी पार्ट टाइम तथा 11 प्रतिशत कर्मचारी कांट्रेक्चुअल तरीके से काम करना चाहते हैं। हालांकि यदि नियोक्ता पक्ष के हिसाब से देखा जाए तो यह अंतर बहुत ज्यादा नहीं है क्योंकि इस तिमाही के दौरान 19 प्रतिशत से अधिक नियोक्ताओं ने उन कर्मचारियों को काम पर रखा जोकि कॉन्ट्रैक्ट के तहत काम करना चाहते थे।