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डिजिटल कौशल की कमी के कारण जीडीपी में हर वर्ष 2.3 प्रतिशत का नुकसान

नयी दिल्ली, 22 जुलाई : डिजिटल क्षेत्र के कौशल के बारे में राजधानी में शुक्रवार को आयोजित एक सम्मेलन में कहा गया कि भारतीय डिजिटल अर्थव्यवस्था को एक लाख करोड़ डॉलर के स्तर तक पहुंचाने के लिए देश में वर्ष 2025 तक 2.7 करोड़ लोगों को डिजिटल कार्यों के लिए कुशल बनाना होगा। इस समय कार्यबल में केवल 12 प्रतिशत लोगों को ही डिजिटल क्षेत्र का कौशल प्राप्त है जबकि वर्तमान समय में व्यक्तियों द्वारा किया जा रहा 69 प्रतिशत कार्य ऑटोमेशन से हो सकता है।

इंडस्ट्री 4.0 इंडिया सम्मेलन में एटीएमसी एजुकेशन ग्रुप के संस्थापक, डिजिटल कॉमनवेल्थ के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक डॉ. मनीष मल्होत्रा ने कहा कि भारत में डिजिटल कौशल की कमी के कारण सकल घरेलू उत्पाद में हर वर्ष 2.3 प्रतिशत का नुकसान होने का अनुमान है। उन्होंने कहा कि देश में डिजिटल क्षेत्र के कौशल से संपन्न कार्यबल में वर्ष 2025 तक नौ गुना वृद्धि की आवश्यकता है।
एम्प्लॉयबिलिटी.लाइफ द्वारा यहां आयोजित इस सम्मेलन में उद्योग, अकादमिक और नीति निर्माण क्षेत्र के लोगों ने एक मंच पर भारतीय उच्च शिक्षा नई पीढ़ी के छात्रों को रोजगार के नए उभरते अवसरों के लिए तैयार करने पर चर्चा की। इसमें एआईसीटीई, एनएसडीसी, और नैसकॉम जैसे संस्थानों के वरिष्ठ प्रतिनिधि, शीर्ष भारतीय विश्वविद्यालयों के वरिष्ठ अकादमिक प्रमुख, विभिन्न चैम्बर ऑफ कॉमर्स और सीनियर कॉर्पाेरेट अधिकारी शामिल थे।

इंडियन एसोसिएशन फॉर द स्टडी ऑफ ऑस्ट्रेलिया (आईएएसए) के संरक्षक सीनेटर एरिक एबेट्ज ने कहा कि भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच दोनों देशों शैक्षिक आदान-प्रदान को बढ़ाएंगे। उन्होंने कहा,“ऑस्ट्रेलिया में भारतीय प्रवासियों का तीसरा सबसे बड़ा समूह है। हम अधिक से अधिक छात्रों को ऑस्ट्रेलिया आने, शिक्षित होने और भारत लौटने और अर्थव्यवस्था को विकसित करने के लिए प्रोत्साहित करेंगे। ”

भारत के डिजिटल कौशल के अंतर पर पंजाब सरकार के स्किल डेवलपमेंट एंड टेक्नीकल एजुकेशन, सलाहकार डॉ संदीप सिंह कौरा ने कहा कि उद्योग और शिक्षा जगत के प्रतिनिधि एक-दूसरे से मिलते रहते हैं लेकिन दोनों पक्षों को एक साथ आकर काम करने की आवश्यकता है क्योंकि वर्तमान में वे बड़े पैमाने पर एक दूसरे के समानांतर चलते हैं।

भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ (फिक्की) के पूर्व महासचिव, दिलीप चेनॉय ने कहा कि देश में ऐसे उदाहरण हैं जहां फैकेल्टी को डिजिटल स्किल में प्रशिक्षित नहीं किया गया है और उन्हें प्रशिक्षित करने की तत्काल आवश्यकता है।

नैसकॉम की सेक्टर स्किल काउंसिल की मुख्य कार्यकारी आधिकारी कीर्ति सेठी ने कहा कि योजनाओं और पहलों का क्रियान्वयन देश में डिजिटल कौशल के विकास का आधार है। सम्मेलन में उद्योग के परिवर्तन को एक चुनौती और एक अवसर

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