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नैनो डीएपी का देश में हुआ लोकार्पण ,खेती की लागत होगी कम

नयी दिल्ली 26 अप्रैल : गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज इंडियन फारमर्स फर्टिलाइजर कोअॉपरेटिव (इफको) निर्मित नैनो डीएपी (तरल) का देश में लोकार्पण किया ।

श्री शाह ने इस अवसर पर कहा कि उर्वरक के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव की शुरुआत है जिससे न केवल किसानों के खेती की लागत कम होगी बल्कि उन्हें गुणवत्तापूर्ण भरपूर पैदावार मिलेगा । इससे प्राकृतिक खेती को भी बढावा मिलेगा और उर्वरको का आयात घटेगा जिससे विदेशी मुद्रा की बचत होगी ।

उन्होंने किसानों से दानेदार यूरिया और डीएपी का उपयोग बंद करने का आग्रह करते हुए कहा कि इसके उपयोग से मिट्टी की उर्वरा शक्ति कम होती है और एक समय के बाद खेत बंजर हो जाता है । तरल यूरिया और डीएपी के उपयोग से भूमि खराब नहीं होती है और इनके छिड़काव से पत्तों के माध्यम से उर्वरा शक्ति पौधों को प्राप्त होती है । दानेदार उर्वरकों की तुलना में तरल उर्वरकों का प्रयोग फसलों पर व्यापक रुप से सफल रहा है ।

सहकारिता मंत्री ने उर्वरक क्षेत्र में सहकारिता की भूमिका की सराहना करते हुए कहा कि देश में लगभग 384 लाख टन उर्वरकों का उत्पादन होता है उसमें से सहकारिता क्षेत्र 132 लाख टन का उत्पादन करता है जिसमें इफको की हिस्सेदारी 90 लाख टन की है । उन्होंने कहा कि सहकारिता व्यवसाय , दूध और उर्वरक क्षेत्र में है जिसका लाभ बहुत से लोगों को मिलता है ।

श्री शाह ने कहा कि कृषि वैज्ञानिकों ने प्रयोगशालाओं में बहुत से अनुसंधान किये हैं लेकिन इफको इसे प्रयोगशाला से खेतों तक पहुंचा रहा है । उन्होंने कहा कि नैनों यूरिया के उत्पादन के बाद इसका उपयोग कम हुआ है जिससे इसका देश में आयात कम हुआ है । इफको ने एक साल के अंदर तीन संयंत्रों में नैनों यूरिया का उत्पादन शुरु कर दिया है ।

नैनों डीएपी का सालाना 18 करोड़ बोतल उत्पादन किया जायेगा जिससे 2025-26 तक डीएपी की खपत में 90 लाख टन की कमी आने की आशा है । नैनो डीएपी में आठ प्रतिशत नाइट्रोजन और 16 प्रतिशत फास्फोरस है ।
इस अवसर पर इफको के अध्यक्ष दिलीप संघानी और प्रबंध निदेशक यू एस अवस्थी उपस्थित थे ।

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