चार्टर्ड लेखाकार संस्थान की लघु उद्यम यात्रा को झंडी दिखायी राणे ने
मुंबई, 22 अगस्त : सनदी लेखाकारों की संस्था इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आईसीएआई) की ओर से आजादी के अमृत काल में सूक्षम, लघु और मझौले उद्यम (एमएसएमई) के महत्व पर केंद्रित एमएसएमई यात्रा आयोजित की है।
आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार यह यात्रा 75 दिनों में 75 शहरों में जाएगी और इस दौरान एमएसएमई क्षेत्र पर 75 बैठकों का आयोजन किया जाएगा।
केंद्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री नारायण राणे ने देश की अर्थव्यवस्था में सूक्ष्म, लघु और मझौले उद्यमों की महती भूमिका को रेखांकित करते हुए 18 अगस्त को मुंबई में इंडियन मर्चेंट्स चैंबर में एक प्रतीकात्मक बस को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यह देश के पश्चिमी क्षेत्र में जाएगी। इसी तरह उत्तर, मध्य, पूर्व, दक्षिण से यात्राएं शुरू होंगी और 18 नवंबर को मुंबई में समाप्त होंगी।
यात्रा के दौरान आईसीएआई के पदाधिकारी एमएसएमई के साथ सरकारी योजनाओं, आसान और सस्ते वित्तीय विकल्पों, शिकायतों पर ध्यान देने, प्रशिक्षण और कौशल विकास में सहायता प्रदान करने, डिजिटलीकरण और अनुपालन और व्यवसाय स्थापित करने के लिए आवश्यक अन्य पेशेवर सहायता के बारे में जागरुकता कार्यक्रम आयोजित करेंगे।
इस समय एमएसएमई क्षेत्र देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 30 से अधिक और निर्यात में 48 प्रतिशत से अधिक का योगदान करता है। इस क्षेत्र में 11 करोड़ लोगों को नौकरियां मिली हुई हैं। इस कार्यक्रम का उद्देश्य एमएसएमई की क्षमताओं और क्षमताओं को बढ़ाना, उन्हें पेशेवर रूप से उन्नत करना और उन्हें भविष्य के लिए तैयार करना है। यात्रा को भारतीय स्टेट बैंक , भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक और राष्ट्रीय लघु उद्योग निगम का समर्थन है।
श्री राणे ने मुंबई में यात्रा को रवाना करते हुए कहा कि मोदी सरकार ने कोविड के बाद एमएसएमई के पुनर्गठन में पांच लाख करोड़ रुपये खर्च किए हैं, जिसमें सीए पेशेवरों ने अहम भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा,“ सरकार का लक्ष्य निकट भविष्य में निर्यात क्षेत्र में एमएसएमई के योगदान को 60 प्रतिशत करना चाहती है। इसके लिए सरकार देश के उद्यमी युवाओं को सभी आवश्यक सहायता प्रदान करेगी और कृषि आधारित उद्योगों को विकसित और विस्तारित करने में भी मदद करेगी। ”
देश में छह करोड़ एमएसएमई इकाइयां हैं, हालांकि केवल 90 लाख को ही उद्यम के साथ पंजीकृत किया गया है।
केंद्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री नारायण राणे ने 18 अगस्त को मुंबई में इंडियन मर्चेंट्स चैंबर में एक प्रतीकात्मक बस को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया।
आईसीएआई के अध्यक्ष देवाशीष मिश्रा ने कहा, “आईसीएआई की एमएसएमई यात्रा 1949 में हमारी स्थापना के बाद से आईसीएआई की यात्रा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगी। संस्थान की भूमिका विशुद्ध रूप से खातों और लेखा परीक्षा से बढ़ कर अब एक ऐसा रूप ले रही है जो समाज और पर्यावरण को एकीकृत करती है। यह एमएसएमई यात्रा इस आंदोलन को दर्शाती है। ”
एसबीआई के उप प्रबंध निदेशक प्रवीण राघवेंद्र ने कहा, “आज भी 80 प्रतिशत से अधिक एमएसएमई इकाइयां बैंक जैसरी औपचारिक ऋण सुविधाओं से वंचित हैं,उन्हें यह सुविधा सुलभ कराने की आवश्यकता है।”
सिडबी के उप प्रबंध निदेशक सुदत्त मंडल ने कहा, “ हम एमएसएमई उद्यम को पंजीकृत कराने में सीए की सहायता स्वीकार करते हैं, जो अनिवार्य है। उद्यम पंजीकरण की सुविधा के लिए सिडबी सरकार के साथ भी काम कर रहा है।”
एनएसआईसी के जोनल मैनेजर मनोज कुमार सिंह ने कहा, “हम एमएसएमई को विणन, प्रौद्योगिकी तथा व्यापार जैसे क्षेत्रों में सहायता प्रदान करते हैं।”