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हिंदुजा समूह के लिए एशिया-पेसिफिक रीजन से होगी विकास की शुरुआत

नयी दिल्ली 03 जनवरी,: बैंकिंग से लेकर ऑटोमोबाइल तक के विविध हितों के साथ एक सदी पुराना भारतीय बहुराष्ट्रीय समूह हिंदुजा समूह वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं को परेशान करने वाली मंदी की आशंकाओं को दूर करने के लिए ‘थिंक ग्लोबल, एक्ट ग्लोबल’ की सोच के आधार पर काम करना जारी रखेगा। 2023 में हिंदुजा समूह एशिया-पेसिफिक रीजन के संयुक्त अरब अमीरात से विकास की शुरुआत करेगा और इसके बाद अफ्रीका विकास का अगला मोर्चा होगा।

हिंदुजा समूह के सह अध्यक्ष गोपीचंद पी हिंदुजा ने कहा, ‘‘हमारा समूह, जो 108 वर्ष से अधिक पुराना है, उसने मंदी के कई चक्रों को सफलतापूर्वक देखा और उनसे पार पाया है। ऐतिहासिक रूप से, भारत हमारे लिए एक फोकस क्षेत्र रहा है और रहेगा। दूसरी तरफ यूएई के नए सुधारों और नीतिगत घोषणाओं के साथ, नई ‘कैपिटल ऑफ ग्लोबल वेल्थ’ का निर्माण भी अब हमारे सामने स्पष्ट है। हमारे संस्थापक सिद्धांत ‘थिंक ग्लोबल, एक्ट ग्लोबल’ के अनुरूप हमने संयुक्त अरब अमीरात में अच्छी तरह से निवेश किया है। हमारा मानना है कि एशिया-पीएसी क्षेत्र, विशेष रूप से संयुक्त अरब अमीरात से जुड़ा, विकास का अगला मोर्चा होगा, जिसके बाद अफ्रीका का नंबर आएगा।’’

हिंदुजा समूह विकास के अपने क्षेत्रों को चुनने में बेहद सतर्क रहा है और वर्तमान में यह समूह खुदरा/उपभोक्ता बैंकिंग, ग्रीन मोबिलिटी और नवीकरणीय ऊर्जा में निवेश करना जारी रखेगा।

श्री हिंदुजा ने कहा, ‘‘हिंदुजा समूह खुदरा/उपभोक्ता बैंकिंग व्यवसाय में निवेश करना जारी रखेगा। हमारे कई ग्रोथ इंजन – उदाहरण के लिए, नवीकरणीय ऊर्जा और ग्रीन मोबिलिटी – स्थिर खपत वाले क्षेत्रों से जुड़े हैं और समय-समय पर इन्होंने फ्लेक्सिबिलिटी का प्रदर्शन किया है। हम हमेशा बाजार के रुख के साथ और आगे रहे हैं, चाहे वह संचार क्रांति हो, आईटी क्रांति हो, और अब, डिजिटल क्रांति हो। हमारे पास विभिन्न व्यवसायों के लिए दीर्घकालिक रणनीतियाँ हैं।’’

अशोक लेलैंड ईवी रणनीति में निवेश करना जारी रखेगी। उन्होंने कहा ‘‘ईवी में परिवर्तन की प्रक्रिया पहले ही शुरू हो चुकी है, विशेष रूप से दोपहिया/तिपहिया सेगमेंट में जहां हम मौजूद नहीं हैं। बस और हल्के वाणिज्यिक वाहनों की बात करें, तो इनमें रफ्तार और तेज होगी, क्योंकि चार्जिंग के सहायक बुनियादी ढाँचे और हाइड्रोजन जैसे हरित ईंधन ने पारंपरिक ईंधन की जगह ले ली है। अशोक लेलैंड अपने ग्राहकों के लिए ईवी को हासिल करने की प्रारंभिक उच्च पूंजी लागत को ऑफसेट करने के लिए अनेक महत्वपूर्ण रणनीतियों को अपना रहा है, जैसे मोबिलिटी एज ए सर्विस (दूसरे शब्दों में, भुगतान-प्रति-किमी)। मध्यम और भारी वाणिज्यिक वाहन शायद इस परिवर्तन का हिस्सा बनने वाले शायद अंतिम होंगे।”

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