द न्यू शॉप ने ‘एम्प्लॉई टु एंटरप्रेन्योर’ प्रोग्राम की शुरुआत की
नयी दिल्ली 14 दिसंबर : अलग-अलग चैनलों से कारोबार करने की सुविधा देने वाली कंपनी द न्यू शॉप ने पहली “एम्प्लॉई टु एंटरप्रेन्योर” पहल की घोषणा की है।
इसके माध्यम से कंपनी अपने स्टोर मैनेजरों का चयन कर रही है और उन्हें प्रशिक्षण दे रही है, ताकि वह अपने करियर की राह में आगे बढ़ सके और स्टोर के मालिक बन सकें। रिटेल इंडस्ट्री में अपनी तरह के पहले प्रोग्राम के साथ, कंपनी पारंपरिक मार्ग से आगे बढ़कर अपने कर्मचारियों को भविष्य में कारोबारी बनने के लिए सशक्त कर रही है। यह रणनीतिक कदम न्यू शॉप को अपने लक्ष्य के और करीब लाया है। इससे कंपनी उद्यमिता के साथ योग्य कर्मचारियों को स्वतंत्र रूप से स्टोर चलाने की सुविधाएं देने के लिए अग्रिम मोर्चे पर उभरकर सामने आई है।
द न्यू शॉप की सह-संस्थापक आस्था एल्मास्ट ने आज कहा, “हम रिटेल के इतिहास में पहले ब्रांड है, जिन्होंने इस तरह का अभिनव कार्यक्रम चलाया। हमारे रिटेल कर्मचारी हमारे सबसे बेहतरीन और योग्य बिजनेस पार्टनर है। यह उनके योगदान की पहचान करने और उन्हें पुरस्कृत करने का हमारा तरीका है। यह उम्मीदवारों और उनके परिवारों के लिए उनकी जिंदगी बदलने वाला लम्हा होगा। यह एक ऐसा प्लेटफॉर्म है, जिसके माध्यम से हम अपने संस्थान में उद्यमशीलता की भरपूर क्षमता रखने वाले प्रतिभाशाली कर्मचारियों की पहचान करने में सक्षम होंगे। वह न सिर्फ हमारे बिजनेस पार्टनर होंगे, बल्कि उनके पास वित्तीय सुरक्षा और प्रगतिशील भविष्य होगा। इससे हम अपने कर्मचारियों को बड़े सपने देखने के लिए प्रेरित करेंगे और दूसरों को लक्ष्य को पाने के लिए कड़ी मेहनत करने और कभी भी हार न मानने के लिए प्रोत्साहित करेंगे। इस कॉन्सेप्ट के पीछे का आइडिया बेहद साधारण है, जितने ज्यादा एंटरप्रेन्योर होंगे, रोजगार की संभावनाएं भी उतनी ही बढ़ेंग।”
उन्होंने कहा कि पहले चरण में 15 चयनित उम्मीदवारों में दो टॉप परफॉर्मिंग स्टोर मैनेजर का चयन किया गया है। । पारस वैद और शशिकांत अब फ्रेंचाइजी पार्टनर होंगे। वह उत्तरप्रदेश के नोएडा और बनारस में क्रमश: सच्चे उद्यमी के रूप पर स्टोरों का पूर्ण स्वतंत्रता से संचालन कर रहे हैं। इन्हीं स्टोरों का वह पहले भी प्रबंधन कर रहे थे। न्यू शॉप उन्हें वित्तीय और मार्केटिंग में सहायता प्रदान कर उनकी हर स्तर पर मदद करेगा। कर्मचारियों को ट्रेनिंग दी जाएगी और उन्हें तकनीकी कौशल में पारंगत बनाया जाएगा। इसके साथ ही उन्हें जरूरी विशेषज्ञता प्रदान की जाएगी जिससे उन्हें अपने नए प्रयासों में सफलता मिलना सुनिश्चित हो सके।