आईआईटी के भव्य दीक्षांत समारोह में 1916 विद्यार्थियों को मिली उपाधि व पदक
रुड़की, 28 जुलाई: उत्तराखंड के रुड़की में 176 वर्षों से भारत वर्ष को तकनीकी शिक्षा प्रदान कर रहे भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रूड़की (आईआईटी) में शुक्रवार को आयोजित 23वें दीक्षांत समारोह में 1916 छात्र, छात्राओं को उपाधियां और शोध पदक प्रदान किए गए।
समारोह के मुख्य अतिथि जर्मनी के बॉश ग्लोबल सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी के अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी दत्तात्रि सालगमे तथा आईआईटी के निदेशक प्रो केके पंत ने 1077 स्नातक, 685 परास्नातक एवं 154 पीएचडी प्रदान की।
श्री सालगमे ने अपने सम्बोधन में कहा कि जैसे-जैसे उच्च शिक्षा क्षेत्र विकसित हो रहा है, आईआईटी, रूड़की जैसे संस्थानों को अनुकूलन एवं नवाचार जारी रखना चाहिए। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की कि मैं, इस संस्थान से प्राप्त अद्वितीय योग्यता के साथ, नेतृत्व की भूमिका निभाने के लिए इन अत्यंत प्रतिभाशाली लोगों का उत्साहपूर्वक इंतजार कर रहा हूं। उन्होंने इस बात पर संतुष्टि होती है कि आईआईटी, रूड़की अन्य संस्थानों के लिए एक उदाहरण है और दुनिया के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देता है।
समारोह की अध्यक्षता आईआईटी के अभिशासक परिषद (गवर्निंग बोर्ड चेयरमैन) के अध्यक्ष बीवीआर मोहन रेड्डी ने की।
इस कार्यक्रम में दस नए स्वर्ण पदक पहली बार प्रदान किए गए। जिन्हें विभिन्न दानदाताओं के सहयोग से शुरू किया गया है। इनमें श्रीमती माविस बर्था विल्किंसन विभाग स्वर्ण पदक, फ्राउ ओडिली शिफर विभाग स्वर्ण पदक, श्रीमती सुख देवी कुलश्रेष्ठ विभाग स्वर्ण पदक, फ्राउ गर्ट्रूड फेल्डेन विभाग स्वर्ण पदक, श्रीमती ललित किशोरी विभाग स्वर्ण पदक, श्री बेवन रॉस विल्किंसन विभाग स्वर्ण पदक, श्री हरि चंद नागलिया विभाग स्वर्ण पदक, श्रीमती प्रेम लता नागलिया विभाग स्वर्ण पदक, श्री सुरेश चंद्र कपूर विभाग स्वर्ण पदक, एवं प्रोफेसर कुमकुम गर्ग विभाग स्वर्ण पदक शामिल हैं।
दीक्षांत समारोह में उपाधि ग्रहण करने वालों में 41 छात्राएं और 114 छात्र शामिल हैं। इनमें से 98 छात्रों को स्नातक कार्यक्रमों में उनके असाधारण प्रदर्शन के लिए पुरस्कार प्राप्त हुए, और 57 छात्र स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम के हैं। जिनमें 3 छात्र शोध पाठ्यक्रम (पीएचडी) धारक हैं। इसके अलावा, 155 छात्रों के बीच कुल 125 पदक एवं नकद पुरस्कार वितरित किये गये। जिसमें 46 स्वर्ण पदक प्रदान किए गए। जिनमें विभिन्न विभागों के स्वर्ण पदकों के साथ-साथ राष्ट्रपति स्वर्ण पदक, निदेशक स्वर्ण पदक एवं भारत के राष्ट्रपति डॉ. शंकर दयाल शर्मा स्वर्ण पदक जैसे प्रतिष्ठित पुरस्कार शामिल हैं। साथ ही, आठ अन्य पदक प्रदान किए गए, जिनमें संस्थान रजत पदक, संस्थान कांस्य पदक एवं कई दाता-संस्थान पदक शामिल हैं।