हैदराबाद 16 जून : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कृषि मंत्रियों से वैश्विक खाद्य सुरक्षा को प्राप्त करने के लिए सामूहिक कार्रवाई करने के बारे में अपने विचार साझा करने का आह्वान किया।
श्री मोदी ने गुरुवार को तीन दिवसीय जी20 कृषि मंत्रियों की बैठक को वीडियो संदेश के माध्यम से संबोधित करते हुए कहा कि वैश्विक दक्षिण के सकल घरेलू उत्पाद में लगभग 30 प्रतिशत हिस्सा कृषि का है और यह क्षेत्र 60 प्रतिशत से अधिक नौकरियां देता है। उन्होंने कहा , “कृषि वैश्विक स्तर पर 2.5 अरब से अधिक लोगों के लिए आजीविका प्रदान करती है। हमें वैश्विक उर्वरक आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत करने के लिए सीमांत किसानों पर ध्यान केंद्रित करते हुए स्थायी एवं समावेशी खाद्य प्रणाली बनाने के तरीके खोजने चाहिए। साथ ही बेहतर मृदा स्वास्थ्य, फसल स्वास्थ्य और उपज के लिए कृषि पद्धतियों को अपनाना होगा।”
प्रधानमंत्री ने कहा, ”कृषि मंत्री के तौर पर आपका काम केवल अर्थव्यवस्था के एक क्षेत्र को संभालना नहीं है, बल्कि आपको मानवता के भविष्य के लिए एक बड़ी जिम्मेदारी उठानी चाहिए। महामारी के कारण आपूर्ति श्रृंखला व्यवधान बिगड़ गए हैं। जलवायु परिवर्तन चरम मौसम की घटनाओं को अधिक से अधिक बार पैदा कर रहा है।”
श्री मोदी ने कहा , “हम प्राकृतिक खेती के साथ-साथ प्रौद्योगिकी आधारित खेती को भी बढ़ावा दे रहे हैं। पूरे भारत में किसान अब प्राकृतिक खेती कर रहे हैं। वे सिंथेटिक उर्वरकों या कीटनाशकों का उपयोग नहीं कर रहे हैं। उनका ध्यान धरती माता का कायाकल्प करने, मिट्टी के स्वास्थ्य की रक्षा करने, ‘प्रति बूंद, अधिक फसल’ का उत्पादन करने और जैविक उर्वरकों और कीट प्रबंधन समाधानों को बढ़ावा देने पर है।”
प्रधानमंत्री ने कहा , “जैसा कि आप जानते हैं वर्ष 2023 को अंतरराष्ट्रीय बाजरा वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है। बेशक, बाजरा नया नहीं है। इनकी खेती हजारों सालों से की जाती रही है, लेकिन बाजार और मार्केटिंग ने हमारी पसंद को इतना प्रभावित किया था कि हम परंपरागत रूप से उगाई जाने वाली खाद्य फसलों के मूल्य को भूल गए थे। कृषि में भारत की जी20 प्राथमिकताएं हमारी ‘एक पृथ्वी’ को ठीक करने, हमारे ‘एक परिवार’ के भीतर सद्भाव पैदा करने और उज्ज्वल ‘भविष्य’ की आशा देने पर केंद्रित हैं।”
उन्होंने कहा , “मुझे यह जानकर खुशी हुई कि आप दो ठोस परिणामों पर काम कर रहे हैं। खाद्य सुरक्षा और पोषण पर डेक्कन उच्च स्तरीय सिद्धांत और बाजरा तथा अन्य अनाज के लिए महर्षि पहल। इन दो पहलों का समर्थन, समावेशी, टिकाऊ और लचीली कृषि के समर्थन में एक बयान है। मैं आपके विचार-विमर्श में सफलता की कामना करता हूं।”
उल्लेखनीय है कि तीन दिवसीय कार्यक्रम में जी20 सदस्य देशों, आमंत्रित देशों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के 200 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इस कार्यक्रम में विभिन्न देशों के कृषि मंत्रियों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के महानिदेशकों ने भाग लिया।