उत्तराखंड में भारी बारिश से जनजीवन अस्तव्यस्त, अब तक नौ की मौत, तीन लापता
देहरादून, 11 जुलाई : उत्तराखंड में लगातार हो रही बारिश के कारण जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। पिछले 72 घंटे में पहाड़ों से मलवा आने और पत्थर गिरने के कारण हुई दुर्घटनाओं में नौ लोगों की मौत हो गयी है। जिनमें एक पुलिस कर्मी भी शामिल है। जबकि तीन अन्य तीर्थयात्री अभी भी लापता है। साथ ही, राज्य के 229 विभिन्न मार्ग अवरुद्ध हैं। जबकि एक स्थान पर सड़क और पुल अतिवृष्टि से बह गई है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को खुद देहरादून में विभिन्न इलाकों में हुए जल भराव की स्थिति का निरीक्षण किया।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, सोमवार देर रात उत्तरकाशी जिले के तहसील भटवाड़ी अंतर्गत, गंगनानी स्थान पर तीर्थ यात्रियों से भरे तीन वाहनों पर अचानक पहाड़ से पत्थर गिर पड़े। मध्य प्रदेश निवासी इन तीर्थयात्रियों में चार की मृत्यु हो चुकी है। जबकि, सात लोगों को उत्तरकाशी के जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इसमें से इंदौर निवासी एक महिला को गंभीर हालत में हेलीकॉप्टर से अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, ऋषिकेश भेजा गया है। यहां बीते नौ जुलाई को ही, उत्तराखंड पुलिस के एक मुख्य आरक्षी की पहाड़ से पत्थर गिरने से उस समय मृत्यु हो गई थी, जब वह वहां अवरुद्ध मार्ग से यातायात व्यवस्थित करा रहा था।
दूसरी ओर, रुद्रप्रयाग जिले में भी कल रात लगभग उत्तर प्रदेश के गौतम बुद्ध नगर निवासी दो सगे भाइयों की मोटरसाइकिल के ऊपर बोल्डर गिर गया। इससे बलवीर शर्मा (34) पुत्र रामधारी शर्मा, निवासी मोहल्ला तिगरी, थाना बिसरा, दादरी की मृत्यु हो गई। जबकि उसका भाई महावीर शर्मा को घायल अवस्था में अस्पताल ले जाया गया है।
देहरादून जिले में भारी बारिश के कारण आज 15 क्षेत्रों में भीषण जलभराव है। खुद मुख्यमंत्री धामी ने विभिन्न क्षेत्रों में जाकर स्थिति का आकलन किया। जिले में राष्ट्रीय राजमार्ग 707 ए की रिटर्निंग बॉल गिर जाने से रास्ता बंद हो गया है। यहां कुल पांच राज्य मार्ग, एक मुख्य जिला मार्ग, एक अन्य जिला मार्ग और 41 ग्रामीण मार्ग अवरुद्ध हो गए हैं। जनपद टिहरी में एक राष्ट्रीय राजमार्ग, दो राज्य मार्ग और 48 ग्रामीण मोटर मार्ग अवरुद्ध है। देहरादून की ही तरह, हरिद्वार जिले में रुड़की, लक्सर, हरिद्वार शहर और भगवानपुर में भीषण जलभराव के कारण जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। यहां गंगा नदी खतरे के निशान से लगभग ढाई मीटर नीचे बह रही है।
बागेश्वर जिला में तीन ग्रामीण मार्ग, पौड़ी जनपद में पांच राज्य मार्ग, एक मुख्य जिला मार्ग और 16 ग्रामीण मोटर मार्ग अवरुद्ध है। इसी तरह, अल्मोड़ा जनपद में पांच ग्रामीण मोटर मार्ग, चंपावत में एक राज्य मार्ग और पांच ग्रामीण मोटर मार्ग बंद हैं। नैनीताल में एक राज्य मार्ग आंशिक रूप से जबकि एक आंतरिक मार्ग और नौ ग्रामीण मोटर मार्ग तथा पिथौरागढ़ में दो सीमा मार्ग और 11 ग्रामीण मोटर मार्ग अवरुद्ध है। जनपद चमोली में बद्रीनाथ ऋषिकेश राष्ट्रीय राजमार्ग 58 अभी भी अवरुद्ध होने के कारण सिर्फ छोटे वाहनों के लिए खोला गया है। इस बीच जोशीमठ मल्हारी सीमा मार्ग जुम्मा गांव के पास पूरी तरह से पानी में बह गया है, जबकि यहां 22 ग्रामीण मोटर मार्ग अवरुद्ध है।