राष्ट्रीय परिचर्या एवं प्रसूति विद्या आयोग विधेयक पर संसद की मुहर
नयी दिल्ली 08 अगस्त: राज्यसभा में मंगलवार को राष्ट्रीय परिचर्या एवं प्रसूति विद्या आयोग विधेयक 2023 ध्वनिमत से पारित कर दिया गया और इसके साथ ही इस पर संसद की मुहर लग गई।
लोकसभा इसे पहले ही पारित कर चुकी है। यह विधेयक भारतीय परिचर्या परिषद अधिनियम 1947 को निरस्त करेगा। विधेयक में परिचर्या और प्रसूति सहायकों की शिक्षा और सेवाओं के मानकों के निगमन का प्रावधान किया गया है।
विधेयक के अनुसार केंद्र सरकार 29 सदस्यों वाले एक राष्ट्रीय परिचर्या एवं प्रसूति विद्या आयोग का गठन करेगी। इसकी अध्यक्षता करने वाले व्यक्ति के पास परिचर्या में परास्नातक की उपाधि और कम से कम 20 वर्ष का अनुभव होना चाहिए। यह आयोग परिचर्या और प्रसूति विद्या का पाठ्यक्रम तैयार करेगा और संबंधित शिक्षण संस्थानों को मान्यता देगा।
चर्चा का जवाब देते हुए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा कि सरकार समग्रता में विश्वास रखती है और उसी दिशा में आगे बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि देश में स्वास्थ्य सेवा है। इसलिए दुनिया भर में भारतीय नर्सों और सहायक कर्मियों की मांग है।
उन्होंने कहा कि देश में 156000 आरोग्य केंद्र बनाए जा रहे हैं। इनमें चिकित्सकों और और सहायक कर्मियों की आवश्यकता है। सरकार की पूर्ति करने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार का उद्देश्य सभी को सस्ती और गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सेवा उपलब्ध कराना है।
उन्होंने कहा कि देशभर के परिचर्या महाविद्यालय में विदेशी भाषा के पाठ्यक्रम आरंभ किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि असम के चार परिचर्या महाविद्यालय में जापानी भाषा का पाठ्यक्रम आरंभ किया गया है। इसी तरह से विभिन्न संस्थानों में छह विदेशी भाषाएं पढ़ाई जा रही हैं। इससे विदेशों में हम नर्सों की आपूर्ति कर सकेंगे। उन्होंने केरल का उदाहरण देते हुए कहा कि इससे रोजगार उत्पन्न होता है और समाज में समृद्धि आती है । उन्होंने कहा कि प्रत्येक जिले में मेडिकल कॉलेज के साथ-साथ नर्सिंग कॉलेज भी बनाया जा रहा है। केंद्र सरकार इसके लिए 10 करोड़ रुपए उपलब्ध करा रही है।
उन्होंने कहा कि विधेयक के सभी प्रावधान व्यापक विचार विमर्श के बाद तय किए गए हैं। देश में चिकित्सा क्षेत्र में पारदर्शी और जवाबदेही वाली प्रक्रिया स्थापित की जा रही है। सभी आयोगों और परिषदों में कोई भी व्यक्ति चार साल से अधिक सदस्य नहीं रहेगा।
चर्चा में बीजू जनता दल के सस्मित पात्रा, भारतीय जनता पार्टी के सिकंदर कुमार, वाईएसआरसीपी के एस निरंजन रेड्डी, अन्नाद्रमुक के एम थंबीदुरई, टीएमसी- एम के जीके वासन, भारतीय जनता पार्टी के भुवनेश्वर कालिता, बीजू जनता दल की ममता मोहंता, वाईएसआरसीपी के वी विजय साई रेड्डी तथा तेलुगू देशम पार्टी के कनकमेदला रविंद्र कुमार ने हिस्सा लिया।