नयी दिल्ली, 17 मई: उच्चतम न्यायालय ने अपने ही संगठन की एक सदस्य के कथित यौन उत्पीड़न के आरोपों से घिरे भारतीय युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी वी श्रीनिवास को बुधवार को राहत देते हुए उनकी गिरफ्तारी पर अंतरिम रोक लगा दी।
न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति संजय करोल की पीठ ने गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण का आदेश पारित करते हुए याचिकाकर्ता श्रीनिवास से कहा कि वह इस मामले में पुलिस जांच और राष्ट्रीय महिला आयोग द्वारा शुरू की गई जांच में सहयोग करें।
पीठ ने कहा, “प्राथमिकी दर्ज करने में लगभग दो महीने की देरी को ध्यान में रखते हुए याचिकाकर्ता अंतरिम संरक्षण का हकदार है। हम निर्देश देते हैं कि गिरफ्तारी की स्थिति में याचिकाकर्ता को 50,000 रुपये की सॉल्वेंट जमानत पर रिहा किया जाएगा।”
श्री श्रीनिवास ने गौहाटी उच्च न्यायालय से राहत नहीं मिलने पर उस फैसले को शीर्ष अदालत में चुनौती दी थी। शीर्ष अदालत ने संबंधित पक्षों की दलीलें सुनने के बाद इस मामले में असम सरकार के साथ-साथ श्री श्रीनिवास को भी नोटिस जारी करते हुए कहा कि इस मामले की अगली सुनवाई 10 जुलाई को की जाएगी।
पीठ ने याचिकाकर्ता का पक्ष रख रहे वरिष्ठ अधिवक्ता ए एम सिंघवी, असम सरकार की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू और शिकायतकर्ता के वकील शैलेश मडियाल की दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला सुनाया।
अदालत ने इस तथ्य पर भी गौर किया कि कथित यौन उत्पीड़न की घटना 24-26 फरवरी 2023 के दौरान रायपुर में हुई थी, जबकि शिकायत असम में अप्रैल 2023 में दर्ज की गई थी। पीठ ने यह भी कहा कि प्राथमिकी दर्ज करने से पहले शिकायतकर्ता, जो कि खुद वकील हैं, ने अपने ट्वीट और मीडिया को दिए साक्षात्कार में याचिकाकर्ता के खिलाफ यौन उत्पीड़न का खुलासा नहीं किया।
पीठ ने इस बात का भी संज्ञान लिया कि शिकायतकर्ता वकील ने कानून के तहत उचित उपाय की गुहार लगाने से पहले पार्टी के शीर्ष अधिकारियों के समक्ष अपनी शिकायतें क्यों नहीं दर्ज करवाई।