समझौते के बाद यूएई को चर्म निर्यात में 64 प्रतिशत वृद्धि-गोयल
नई दिल्ली 03 जनवरी : वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने मंगलवार को कहा की सरकार और उद्योग के बीच सहयोग और तालमेल से भारत फुटवियर और चर्म उद्योग में विश्व का अग्रणी देश बन सकता है।
श्री गोयल राजधानी में चर्म निर्यात परिषद के राष्ट्रीय निर्यात उत्कृष्टता पुरस्कार समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में ऐसी नई कंपनियों नए उद्यमियों, स्टार्टअप और ऐसे लोगों को आने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए जिनके पास नए-नए विचार हों और जो नए क्षेत्रों में, नए बाजारों में नए उत्पाद के साथ जाने की क्षमता रखते हैं। ऐसे लोगों को इस तरह के पुरस्कार से सम्मानित किया जाना चाहिए।
श्री गोयल ने सुझाव दिया कि मुक्त व्यापार समझौते जैसे नए कदमों का फायदा उठाने वाले निर्यातकों को सम्मानित करने के लिए विशेष पुरस्कार शुरू किए जा सकते हैं।
श्री गोयल ने चर्म उद्योग को भारत द्वारा विभिन्न देशों के साथ किए जा रहे मुक्त व्यापार समझौतों का फायदा उठाने का आह्वान किया। उन्होंने संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के साथ हुए समझौते का उल्लेख करते हुए कहा कि यह एफटीए के लागू होने के बाद उस देश को चर्म उत्पादों का निर्यात पिछले साल इसी माह की तुलना में 64 प्रतिशत बढ़ा
है।
उन्होंने कहा कि चर्म उद्योग द्वारा कुछ प्रकार के चमड़ों पर आयात शुल्क को लेकर प्रकट की जा रही चिंताओं से वह वाकिफ हैं। उन्हें आश्वासन दिया कि इन मुद्दों पर विचार किया जाएगा। उन्होंने निर्यातकों से कहा कि वे राजस्व विभाग द्वारा लागू की गई “मूवर” योजना का फायदा उठाएं जिसमें निर्यात के उद्देश्य से आयात की जाने वाली वस्तुओं पर आयात शुल्क नहीं चुकाना पड़ता। वाणिज्य मंत्री ने कहा कि भारतीय चर्म उद्योग के पास ऐसी विशाल संभावनाएं हैं जिनका लाभ नहीं उठाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि भारत में बने उत्पाद अच्छे हैं, जरूरत ब्रांडिंग और पैकेजिंग पर अधिक ध्यान देने की है।
उन्होंने कहा कि विदेशों में स्थित भारतीय मिशन निर्यातकों की इस मामले में मदद कर सकते हैं। वे अंतरराष्ट्रीय ब्रांडिंग कंपनियों के साथ उनको जोड़ कर उनकी मदद कर सकते हैं।
उन्होंने अमृत काल में कंपनियों के लिए लक्ष्य ऊंचा करने का आह्वान किया। श्री गोयल ने कहा कि भारत और भी विकसित देशों के साथ मुक्त व्यापार समझौते करने का प्रयास कर रहा है। चमड़ा एवं फुटवियर उद्योग को अगले 25 वर्षों की अवधि में अपने विस्तार के ऊंचे लक्ष्य तय करें और इसके लिए योजनाएं बनाएं। उन्होंने इस उद्योग से ऐसे उत्पादों पर भी ध्यान देने पर बल दिया जो अभी भारत में आयात किए जा रहे हैं ।
उन्होंने कहा कि सरकार ऐसे किसी मानक की समीक्षा करने को तैयार है जो इस उद्योग को नुकसान पहुंचा रहा हो। उन्होंने उद्योग की जरूरत के लिए देश के किसी भी भाग में परीक्षण सुविधाएं और प्रयोगशालाएं स्थापित करने में सरकार की ओर से पूरा सहयोग करने का आश्वासन दिया। श्री गोयल ने कहा कि सरकार कारोबार में और आसानी पैदा करने के लिए चमड़ा उद्योग से बातचीत करने को तैयार है।
उन्होंने उद्यमियों से कहा कि वह इस संबंध में सुझाव दें कि विभिन्न क्षेत्रों में उन्हें क्या-क्या दिक्कतें हैं और उसे कैसे दूर किया जा सकता है। उन्होंने नियमों के अनुपालन के संबंध में भी सुझाव आमंत्रित किए और कहा कि उद्योग नियमों को सरल बनाने और आपराधिक दंड वाले प्रावधानों को हटाने के संबंध में भी अपने सुझाव दे सकता है। उन्होंने नए उद्यमियों से लीक से हटकर नए डिज़ाइन और ब्रैड के बारे में सोचने और निर्यात बढ़ाने का आह्वान किया।