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जोर शोर से मनाया गया आयुर्वेद दिवस

नयी दिल्ली 23 अक्टूबर : आयुर्वेद के प्रसार प्रचार के लिए देश और विदेश में आज सातवां आयुर्वेद दिवस धूमधाम से मनाया गया।

मुख्य आयोजन राष्ट्रीय राजधानी में किया गया जिसमें जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा, आयुष मंत्री सर्बानंद सोनोवाल, विदेश एवं संस्कृति राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी तथा आयुष राज्य मंत्री महेंद्र भाई कालूभाई मंजूपारा‌ उपस्थित रहे। समारोह में आयुर्वेद विशेषज्ञ‌ , सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि और अनेक गणमान्य व्यक्तियों ने‌ भाग लिया।

इस वर्ष का सातवां आयुर्वेद दिवस “हर दिन हर घर आयुर्वेद” विषय पर मनाया गया ताकि आयुर्वेद को आम जनता तक पहुँचाया जा सके। इस उत्सव में देश भर से भारी भागीदारी देखी गई‌ । मंत्रालयों और मिशनों और दूतावासों के सहयोग से आयुष संस्थानों और परिषदों द्वारा 5000 से अधिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।

इस अवसर पर श्री सोनोवाल ने कहा कि आयुर्वेद रोग निवारण का विज्ञान है। यह एक प्राचीन ज्ञान है और शोध परिषदें आयुष क्षेत्र में कुछ प्रभावशाली शोध कार्य कर रही हैं। उन्होंने कहा कि हर दिन हर घर आयुर्वेद अभियान का उद्देश्य आयुर्वेद और इसकी क्षमता को जन-जन तक पहुंचाना है। आयुर्वेद अब विश्व स्तर पर जाना जाता है।

श्री मुंडा ने कहा कि आयुर्वेद भारत की प्राचीन परंपरा और संपदा है। वनवासियों के सहयोग से आयुर्वेद का पोषण किया जा सकता है। उन्होंने कहा, ” आयुर्वेद ही एक ऐसा चिकित्सा विज्ञान है जो बीमारी से बचाव की बात करता है, बीमार होने के बाद इलाज की नहीं।”

डॉ. मुंजपारा ने कहा कि आयुष मंत्रालय ने देश में स्वास्थ्य की आयुष प्रणाली को गति दी है और आयुर्वेद अब 30 देशों में मान्यता प्राप्त है। उन्होंने बताया कि आयुष का मौजूदा कारोबार 18.1 अरब डॉलर है।

श्रीमती लेखी ने कहा कि यह हमारे पूर्वजों के विज्ञान की सराहना करने का समय है। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने हमेशा आयुर्वेद के विज्ञान को बढ़ावा दिया और पिछले कुछ वर्षों में यह अपने चरम पर पहुंच गया है।

इस मौके पर आयुर्वेद को प्रोत्साहन देने के लिए आयुष मंत्रालय और जनजातीय मामलों के मंत्रालय के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।

इस मौके पर ‘द आयुर्वेदिक फार्माकोपिया ऑफ इंडिया’, ‘द आयुर्वेदिक फॉर्म्युलारी ऑफ इंडिया’ पर एक पुस्तक का विमोचन किया गया। औषधीय पौधों के स्वास्थ्य लाभों के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए पांच लघु वीडियो प्रतियोगिताओं के प्रथम पुरस्कार विजेताओं को केंद्रीय आयुष मंत्री और अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने सम्मानित किया गया।

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