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जातीय सर्वे पर हलफनामा देकर केंद्र ने विरोधियों की हवा निकाली : सुशील कुमार मोदी

पटना 29 अगस्त: बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने प्रदेश के वित्त, वाणिज्य कर और संसदीय मामलों के मंत्री विजय कुमार चौधरी के केंद्र सरकार के हलफनामा दायर कर जाति आधारित गणना कार्य में बाधा उत्पन्न करने के आरोपों पर पलटवार करते हुए आज कहा कि सेंसस (जनगणना) के मुद्दे पर उच्चतम न्यायालय में सोमवार को संशोधित शपथ देकर केंद्र ने बिहार में जातीय सर्वे का मार्ग प्रशस्त कर दिया और राजद-जदयू के मनगढ़ंत आरोपों की हवा निकाल दी।

श्री मोदी ने मंगलवार को बयान जारी कर कहा कि राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और जनता दल यूनाईटेड (जदयू) का नेतृत्व उम्मीद कर रहा था कि केंद्र सरकार बिहार में हुए जातीय सर्वे का विरोध करेगी, जिससे भाजपा और केंद्र सरकार को जातीय सर्वे के बहाने पिछड़ा-विरोधी बताने का इन्हें मौका मिलेगा। उन्होंने कहा कि बिल्लियों के भाग्य से छींका नहीं टूटा और केंद्र सरकार ने साफ कर दिया कि सेंसस (जनगणना) कराना केंद्र सरकार का संवैधानिक अधिकार है, लेकिन जातीय सामाजिक-आर्थिक सर्वे राज्य सरकारें भी करा सकती हैं।

भाजपा सांसद ने कहा कि बिहार में भाजपा सहित सभी दलों की सहमति से 17 बिंदुओं पर जो आंकड़े जुटाये जा रहे हैं, वह सर्वे है, जनगणना नहीं। उन्होंने कहा कि यही बात पटना उच्च न्यायालय ने भी कही कि राज्य को सर्वेक्षण करने का अधिकार है, जनगणना करने का नहीं। उन्होंने कहा कि भाजपा ने बिहार में अपने रुख के अनुरूप उच्चतम न्यायालय में हलफनामा दाखिल किया और हमें उम्मीद है कि सर्वोच्च न्यायालय भी पटना उच्च न्यायालय की तरह जल्द ही जातीय सर्वे के समर्थन में अपना फैसला सुनाएगा। हम कभी इसके विरुद्ध नहीं रहे।

गौरतलब है कि बिहार के वित्त, वाणिज्य कर एवं संसदीय मामलों के मंत्री और जदयू के वरिष्ठ नेता विजय कुमार चौधरी ने केंद्र सरकार के जातीय गणना मामलों में उच्चतम न्यायालय में दायर हलफनामे को हास्यास्पद बताया और कहा कि इससे प्रदेश में जाति आधारित गणना को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का चेहरा बेनकाब हुआ है।

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