नयी दिल्ली, 30 अगस्त: चालू वित्त वर्ष 2023-24 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) के दौरान अहमदाबाद, बेंगलुरु, चेन्नई, दिल्ली, हैदराबाद जैसे आठ प्रमुख महानगरों सहित 50 बड़े शहरों में से 43 में घरों की कीमत तेज हुई। यह तथ्य राष्ट्रीय आवास बैंक (एनएचबी) द्वारा बुधवार को जारी आवास मूल्य सूचकांक (एचपीआई) में सामने आया है।
रिपोर्ट के मुताबिक पहली तिमाही में कोलकाता, मुंबई और पुणे में भी संपत्ति की कीमतों में बढ़ोतरी देखी गई।
एनएचबी रेसिडेक्स नामक आवास मूल्य सूचकांक तिमाही आधार पर चुनिंदा 50 शहरों में आवासीय संपत्तियों की कीमतों में उतार-चढ़ाव पर निगाह रखता है। इस सूचकांक के लिए तुलना का आधार वित्तीय वर्ष 2017-18 की कीमतों को रखा गया है।
बुधवार इस रिपोर्ट के अनुसार भारत के आठ प्रमुख शहरों में प्राथमिक आवासीय बाजारों में चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही के दौरान संपत्ति की कीमतों में बढ़ोतरी कहीं एक प्रतिशत से कम तो कहीं नौ प्रतिशत तक देखी गई। इनमें अहमदाबाद में कीमतों में वार्षिक आधार पर 9.1 प्रतिशत, बेंगलुरु (8.9 प्रतिशत), चेन्नई (1.1 प्रतिशत), दिल्ली (0.8 प्रतिशत), हैदराबाद (6.9 प्रतिशत), कोलकाता (7.8 प्रतिशत) , मुंबई (2.9 प्रतिशत), और पुणे में (6.1 प्रतिशत) की वृद्धि दर्ज की गयी।
बैंकों और आवास वित्त कंपनियों से एकत्रित 50-शहरों की आवासीय संपत्तियों के मूल्यांकन के आंकड़ों के आधार पर तैयार एचपीआई सूचकांक में वित्त वर्ष 2023-24 की पहली तिमाही के दौरान सालाना आधार पर 4.8 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी जबकि पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही में वृद्धि सात प्रतिशत थी।
अलग अलग शहरों में आवास की कीमतों में बदलाव का अनुपात अलग-अलग है। उदाहरण के लिए इस दौरान गुरुग्राम में कीमतें सालाना आधार पर 20.1 प्रतिशत ऊंची हुई हैं जबकि लुधियान में प्राथमिक आवासीय सम्पत्तियों के भावों में एक साल पहले की तुलना में 19.4 प्रतिशत की गिरावट रही।
एनएचबी ने कहा, “सर्वे में शामिल 50 में से सात शहरों में संपत्ति की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई। आवास कर्ज पर ब्याज की दरें अभी भी महामारी के पहले की दरों से कम हैं, जिससे कुल मिलाकर सम्पत्तियां खरीदारों के वित्तीय सामर्थ्य में बनी हुई हैं।”
एचपीआई सूचकांक के अनुसार आपूर्ति पक्ष की दृष्टि से निर्माणाधीन और बिना बिके पर रहने की पूरी सुविधा के साथ तैयार घरों की प्रस्तुत की जा रही कीमतें पहली तिमाही में सालाना आधार पर 12.2 प्रतिशत ऊपर थी। एक साल पहले इनका स्तर वार्षिक आधार पर 5.7 प्रतिशत ऊंचा था।
आपूर्ति की दृष्टि से न्यू टाउन कोलकाता में कीमतों में सबसे अधिक 33.7 प्रतिशत की वृद्धि दिखी, जबकि राजकोट में भाव एक साल पहले की तुलना में 2.2 प्रतिशत नीचे आ गए।