सिल्ली विधानसभा के राहे प्रखंड को सुखागस्त घोषित किए जाने की मांग
रांची, 16 नवंबर : झारखण्ड के पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं आजसू पार्टी केंद्रीय अध्यक्ष सुदेश कुमार महतो ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरने को आज सिल्ली विधानसभा के राहे प्रखंड को सुखागस्त घोषित किए जाने को लेकर पत्र लिखा है।
श्री महतो ने अपने पत्र में कहा है कि इस साल मानसून की दगाबाजी और समय पर बारिश नहीं होने के कारण राज्य के बड़े हिस्से को संकट का सामना करना पड़ा है। हालात के मद्देनजर राज्य सरकार ने पिछले महीने 226 प्रखंडों को सूखाग्रस्त घोषित किया है। साथ ही सूखा प्रभावित प्रत्येक किसान को 3500 रुपये अग्रिम के रूप में बतौर सहायता देने का निर्णय लिया गया है। सरकार का दावा है कि राहत के लिए और भी योजनाएं चलाई जाएंगी।
उन्होंने मुख्यमंत्री को ध्यान दिलाते हुए कहा है कि मेरे सिल्ली विधानसभा क्षेत्र के राहे प्रखंड को इस सूची से बाहर रखा गया है जबकि इस प्रखंड में किसानों और खेतिहर मजदूरों ने भी व्यापक सूखा का सामना किया है। खेती ने उन्हें पहले ही निराश किया है और अब राहे प्रखंड को सूखाग्रस्त सूची से बाहर रखे जाने पर किसान हताश हैं। जबकि राहे की बड़ी आबादी धान की खेती पर ही निर्भर करती है।
श्री महतो ने कहा कि इस प्रखंड में छोटे और सीमांत किसानों की बहुलता है। दूरदराज इलाकों में खेतिहर मजदूर धान की खेती के इंतजार में रहते हैं। उनके लिए जीवन यापन का यह बड़ा सहारा है। उधर राहे के अगल-बगल और सटे सभी प्रखंडों को सूखाग्रस्त सूची में शामिल किया गया है। इससे भी ग्रामीण हैरान परेशान होकर लगातार अपनी व्यथा बता रहे हैं। वैसे सरकार ने कृषि विभाग की ग्राउंड ट्रूथिंग रिपोर्ट (जमीन आकलन) के आधार पर राज्य के 22 जिलों के 226 प्रखंडों को सूखा ग्रस्त घोषित किया है। लेकिन एक जनप्रतिनिधि के नाते गांव-गांव में लगातार दौरे और ग्रामीणों से चर्चा में यह पता चलता है कि राहे के हालात को लेकर जमीनी आकलन करने में चूक हुई है। सूखा के वक्त वैकल्पिक खेती अथवा अन्य जरूरी मदद उपलब्ध नहीं होने से भी किसान मुश्किल हालात से गुजरते रहे हैं।
श्री महतो ने इस पत्र के माध्यम से अनुरोध किया है कि इस मामले में सहानुभूति पूर्वक विचार करते हुए राहे प्रखंड को भी सूखाग्रस्त की सूची में शामिल किया जाए, ताकि प्रभावित और आर्थिक तौर पर कमजोर किसानों मजदूरों को सरकार की योजनाओं और कार्यक्रमों का सीधा लाभ मिल सके।