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केंद्र सरकार पराली के समाधान के लिए किसानों को सहयोग दें : राय

नयी दिल्ली, 02 नवंबर : दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि केंद्र सरकार को पराली के समाधान के लिए किसानों को गाली देने के बजाय उसका सहयोग करना चाहिए।

श्री राय ने संवाददाता सम्मेलन में आज कहा कि दिल्ली और पंजाब की सरकार पराली जलने से रोकने के लिए किसानों को आर्थिक सहायता देने के लिए तैयार है लेकिन केंद्र की भाजपा सरकार ने इंकार कर दिया है। भाजपा पहले प्रदूषण बढ़वाती है फिर उस पर राजनीति करती है। दिल्ली सरकार प्रदूषण कम करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है।

उन्होंने कहा कि भाजपा के प्रवक्ताओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके मुख्यमंत्री अरंविद केजरीवाल की आलोचना की और कहा कि केजरीवाल पंजाब में पराली जलवाकर दिल्लीवासियों के सांसों के साथ खिलवाड़ कर रही है। यह बातें वह भाजपा कर रही है जो पटाखों पर बैन को हटवाने के लिए उच्चतम न्यायालय तक गई। वाहन प्रदूषण को कम करने के लिए अरविंद केजरीवाल द्वारा लागू होने वाले “रेड लाईट आन, गाड़ी आफ” अभियान को भाजपा ने रोक दिया।

पर्यावरण मंत्री ने कहा कि दिल्ली सरकार प्रदूषण के स्थाई समाधान के लिए जितना काम कर रही उतना कोई भी राज्य सरकार नहीं कर रही है। चौबीस घंटे बिजली देकर जनरेटरों से होने वाले प्रदूषण को पूरी तरह से रोक दिया। दिल्ली में ई-व्हीकल पॉलिसी लाकर वाहन के प्रदूषण के स्थाई समाधन की तरफ कदम बढ़ाया है। वृक्षारोपण के माध्यम दिल्ली के ग्रीन बेल्ट को 20 प्रतिशत से बढ़ाकर 23 प्रतिशत कर दिया। ट्री ट्रांसप्लांटेशन पॉलिसी लाकर दिल्ली में विकास एवं पर्यावरण के संतुलन को बनाने का प्रयास चल रहे हैं। एक्यूएएम ने सभी राज्यों को आदेश दिया था लेकिन केवल दिल्ली ही ऐसा राज्य है जिन्होंने सभी औद्योगिक इकाईयों को पीएनजी पर कनवर्ट करवा दिया है। दिल्ली पहला ऐसा राज्य है जिसने अपना विंटर एक्शन प्लान बनाकर एंटी डस्ट कैम्पन चला रहा है। दिल्ली पहला ऐसा राज्य है जिसने पराली को गलाने के लिए बायोडिकम्पोजर का छिड़काव कर रही है।

उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश, हरियाणा में पराली जलती है जिससे प्रदूषण बढ़ जाता है। इसका समाधान राजनीति से नहीं हो सकता है। केन्द्र की सरकार पंजाब सरकार के प्रस्ताव को स्वीकार कर लेती तो पराली जलने की घटनाओं में कम से कम 50 प्रतिशत की कमी हो सकती थी। केन्द्र की भाजपा सरकार किसानों से नफरत करती है क्योंकि उन्होंने उनके खिलाफ किसान आंदोलन किया था। पंजाब की सरकार किसानों को 500. की मदद देने को तैयार थी लेकिन केन्द्र की भाजपा सरकार ने सहयोग देने से मना कर दिया। इससे यह पता चलता है कि प्रदूषण को लेकर वह कितनी चिंतित है।

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