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अमृत सरोवर का निर्माण बना जन आंदोलन: मोदी

नयी दिल्ली 28 अगस्त : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि जल संचय और जल संरक्षण के लिए अलग-अलग जिलों में स्थानीय प्रशासन, स्वयं सेवी संस्थाएं और स्थानीय लोग आगे आए और देखते ही देखते अमृत सरोवर का निर्माण एक जन-आंदोलन बन गया।

श्री मोदी ने अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में आज कहा ,“ हमारी संस्कृति में हजारों वर्ष पहले जल और जल संरक्षण का महत्व समझाया गया है। जब यह ज्ञान, हम, आज के सन्दर्भ में देखते हैं, तो रोमांचित हो उठते हैं, लेकिन, जब इसी ज्ञान को देश, अपने सामर्थ्य के रूप में स्वीकारता है तो उनकी ताकत अनेक गुना बढ़ जाती है। आपको याद होगा, ‘मन की बात’ में ही चार महीने पहले मैंने अमृत सरोवर की बात की थी। उसके बाद अलग-अलग जिलों में स्थानीय प्रशासन जुटा, स्वयं सेवी संस्थाएं जुटीं और स्थानीय लोग जुटे – देखते ही देखते, अमृत सरोवर का निर्माण एक जन-आंदोलन बन गया है। जब देश के लिए कुछ करने की भावना हो, अपने कर्तव्यों का एहसास हो, आने वाली पीढ़ीयों की चिंता हो, तो सामर्थ्य भी जुड़ता है, और संकल्प, नेक बन जाता है।”

उन्होंने कहा,“ मुझे तेलंगाना के वारंगल के एक शानदार प्रयास की जानकारी मिली है। यहाँ एक नई ग्राम पंचायत का गठन हुआ है जिसका नाम है ‘मंग्त्या-वाल्या थांडा’। यह गाँव जंगल के करीब है। यहाँ के गाँव के पास ही एक ऐसा स्थान था जहाँ मानसून के दौरान काफी पानी इकट्ठा हो जाता था। गाँव वालों की पहल पर अब इस स्थान को अमृत सरोवर अभियान के तहत विकसित किया जा रहा है। इस बार मानसून के दौरान हुई बारिश में ये सरोवर पानी से लबालब भर गया है।”

प्रधानमंत्री ने कहा कि मध्य प्रदेश के मंडला में अमृत सरोवर कान्हा राष्ट्रीय उद्यान के पास बना है और इससे इस इलाके की सुन्दरता को और बढ़ा दिया है। उत्तर प्रदेश के ललितपुर में, नवनिर्मित शहीद भगत सिंह अमृत सरोवर भी लोगों को काफी आकर्षित कर रहा है। यहाँ की निवारी ग्राम पंचायत में बना ये सरोवर चार एकड़ में फैला हुआ है। सरोवर के किनारे हुआ वृक्षारोपण इसकी शोभा को बढ़ा रहा है। सरोवर के पास लगे 35 फीट ऊँचे तिरंगे को देखने के लिए भी दूर-दूर से लोग आ रहे हैं। अमृत सरोवर का ये अभियान कर्नाटका में भी जोरों पर चल रहा है। यहाँ के बागलकोट जिले के ‘बिल्केरूर’ गाँव में लोगों ने बहुत सुंदर अमृत सरोवर बनाया है। दरअसल इस क्षेत्र में, पहाड़ से निकले पानी की वजह से लोगों को बहुत मुश्किल होती थी, किसानों और उनकी फसलों को भी नुकसान पहुँचता था।

श्री मोदी ने कहा,“ अमृत सरोवर बनाने के लिए गाँव के लोग, सारा पानी एकत्र करके एक तरफ ले आए। इससे इलाके में बाढ़ की समस्या भी दूर हो गई। अमृत सरोवर अभियान हमारी आज की अनेक समस्याओं का समाधान तो करता ही है, हमारी आने वाली पीढ़ियों के लिए भी उतना ही आवश्यक है। इस अभियान के तहत, कई जगहों पर, पुराने जलाशयों का भी कायाकल्प किया जा रहा है।”

उन्होंने कहा ,“ अमृत सरोवर का उपयोग, पशुओं की प्यास बुझाने के साथ ही, खेती-किसानी के लिए भी, हो रहा है। इन तालाबों की वजह से आस-पास के क्षेत्रों का भूजल स्तर बढ़ा है। वहीं इनकी चारों ओर हरियाली भी बढ़ रही है। इतना ही नहीं, कई जगह लोग अमृत सरोवर में मछली पालन की तैयारियों में भी जुटे हैं। मेरा, आप सभी से और खास कर मेरे युवा साथियों से आग्रह है कि आप अमृत सरोवर अभियान में बढ़-चढ़कर के हिस्सा लें और जल संचय और जलसंरक्षण के इन प्रयासों को पूरी की पूरी ताकत दें, उसको आगे बढ़ायें।”

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