महाराष्ट्र में 11 लोगों की मृत्यु की जिम्मेदारी ले सरकार : कांग्रेस
नयी दिल्ली, 17 अप्रैल : कांग्रेस ने महाराष्ट्र में सरकारी कार्यक्रम में 11 लोगों की मृत्यु पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए इसे गैर इरादतन हत्या करार दिया और कहा कि सरकार को घटना की जिम्मेदारी लेते हुए इस संबंध में जनता के सवालों का जवाब देना चाहिए।
कांग्रेस प्रवक्ता कन्हैया कुमार ने सोमवार को यहां पार्टी मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन कहा कि यह घटना सरकारी कार्यक्रम में हुई है इसलिए बिना किसी लाग लपेट और किसी बहानेबाजी के सरकार घटना की जिम्मेदारी ले और इससे जुड़े सवालों का जवाब दे।
उन्होंने सवाल किया,“जब नेता के लिए टेंट, कूलर, एसी लग सकता है तो जनता के लिए क्यों नहीं लग सकता। क्या आपको भीषण गर्मी का पूर्वानुमान नहीं था। कहते हैं कि डिजिटल इंडिया में हर कोई अपने मोबाइल पर वेदर चेक कर लेता है तो क्या मंत्री जी का मोबाइल काम नहीं कर रहा था। क्या उनको आईडिया नहीं था कि देश में अप्रैल, मई, जून में जब गर्मी पड़ती है तो लू चलती है और गर्म हवा चलने से जुड़े लोगों की तबीयत खराब होती है। यदि क्षमता से ज्यादा लोग एक जगह इकट्ठा होंगे तो स्वभाविक रूप से परेशानी आएगी।”
श्री कुमार ने कहा,“सवाल है कि लोगों की बुनियादी सुविधाओं का ध्यान क्यों नहीं रखा गया, पानी की व्यवस्था नहीं की गई, उनके लिए छाया का प्रबंध नहीं किया गया क्योंकि सरकार का ध्यान फोटो खींचने में रहता है। देश में लोकतंत्र है कि नहीं है, अगर देश में लोकतंत्र है, एक चुनी हुई सरकार कोई सरकारी कार्यक्रम कर रही है और वहां लोगों को यदि बुलाया गया है और इसमे कोई हादसा होता है तो इसकी जिम्मेदारी सरकार को लेनी पड़ेगी। महाराष्ट्र कांग्रेस ने सवाल उठाया है कि यह गैर इरादतन हत्या का मामला है। सरकार इसकी जिम्मेवारी ले।”
उन्होंने कहा,“घटना की जिम्मेवारी तय होनी चाहिए। देश का सबसे महत्वपूर्ण विपक्ष होने के नाते हम सरकार से सवाल उठा रहे हैं कि घटना के बाद बहाने बाजी ना करें, इधर उधर की बात ना करें, जिम्मेवारी तय करें और जो लोग दोषी हैं उनके खिलाफ कारवाई हो। ऐसी कोई भी घटना आने वाले दिनों में ना हो, इसको सुनिश्चित किया जाए, यह कांग्रेस की मांग है।”
प्रवक्ता ने देश में जनगणना कराने की सरकार से मांग की और कहा कि उसे जातीय आधार पर हुई जनगणना की रिपोर्ट भी जारी करनी चाहिए। इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडगे ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर जनगणना कराने और जातीय आधार पर जनगणना के आंकड़े जारी करने की मांग की है।