जनकल्याण में जैन समाज का योगदान सर्वोपरि: शिंदे
मुंबई 11 मार्च : महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने शनिवार को कहा कि संकट के दौरान जैन समाज दूसरों के सुख-दुख में साथ देने वाला समाज है। इस समुदाय ने देश के लिए सर्वोपरि योगदान दिया है।
श्री शिंदे ने कहा कि समाज के प्रति जैन समुदाय की जनकल्याणकारी भावना से सभी विदित हैं। मुख्यमंत्री आज मुंबई के महालक्ष्मी रेसकोर्स में राष्ट्र संत श्री नयापद्मसागर सूरीश्वरजी महाराज के समारोह में बोल रहे थे, जिन्हें आचार्य महा-महोत्सव की उपाधि से सम्मानित किया गया है।
इस कार्यक्रम में उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, मुंबई उपनगर जिले के संरक्षक मंत्री मंगलप्रभात लोढ़ा, पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण, योग गुरु बाबा रामदेव और बड़ी संख्या में देश-विदेश के संत और जैन बिरादरी शामिल हुए।
श्री शिंदे ने कहा कि राज्य सरकार ने हाल ही में राज्य के बजट की घोषणा की है और इसमें सभी लोगों की प्रगति और उत्थान को ध्यान में रखा गया है। इसी के साथ मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बार के बजट में गौ-सेवा आयोग का गठन किया गया है। उन्होंने महाराष्ट्र सरकार से आचार्य की उपाधि प्राप्त करने पर राष्ट्रसंत नयापद्मसागरजी और प्रशांतसागरजी को बधाई एवं शुभकामनाएं दी।
श्री शिंदे ने कहा कि आचार्य का पद पाने के लिए घोर तपस्या करनी पड़ती है। पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि इस मुकाम पर पहुंचने के बाद करोड़ों लोगों की उम्मीदों और आकांक्षाओं पर खरा उतरना पड़ता है।
श्री फडणवीस ने कहा कि नयापद्मसागरजी संत नहीं एक विचार हैं। उन्होंने जैन समाज को संगठित किया और आगे बढ़ाया है। यह लोगों को धर्म के साथ-साथ देशभक्ति भी सिखा रही है। इस अवसर पर श्री फडणवीस ने आशा व्यक्त की कि हमारे समाज के सभी लोगों को नवपद्मसागर जी से अच्छे मार्ग पर चलने का मार्गदर्शन मिले।
महाराष्ट्र के मंत्री लोढ़ा, योग गुरु रामदेव की उपस्थिति में मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री ने ‘महान मंगल ग्रंथ’ का विमोचन भी किया।