मांस विज्ञापनों पर प्रतिबंध लगाने की याचिका खारिज
मुंबई, 27 सितंबर : बंबई उच्च न्यायालय ने टेलीविजन और समाचार पत्रों में मांसाहारी भोजन के विज्ञापनों पर प्रतिबंध लगाने की मांग वाली एक याचिका खारिज कर दी है।
मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति माधव जामदार ने सोमवार को जैन धर्मार्थ ट्रस्टों की याचिका को खारिज करते हुए कहा कि अदालत तभी हस्तक्षेप कर सकती है जब नागरिकों के अधिकारों का उल्लंघन हो। यह देखते हुए कि इन विज्ञापनों को देखना है या नहीं, यह पसंद का मामला था, अदालत ने याचिकाकर्ताओं से कहा कि वे दूसरों के अधिकारों का अतिक्रमण न करें।
श्री आत्मा कमल लब्धिसूरीश्वरजी जैन ज्ञानानंदिर ट्रस्ट, शेठ मोतीशा धार्मिक और धर्मार्थ ट्रस्ट, श्री वर्धमान परिवार और व्यवसायी ज्योतिंद्र रमणिकलाल शाह द्वारा चायिका दायर की गई थी। उन्होंने अदालत से महाराष्ट्र सरकार को प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में मांस और मांस उत्पादों के विज्ञापनों पर प्रतिबंध लगाने के आदेश जारी करने का निर्देश देने का अनुरोध किया था। याचिकाकर्ताओं ने कहा कि वे मांस की खपत को चुनौती देने की कोशिश नहीं कर रहे हैं।