मालदीव को दस करोड़ डॉलर का ऋण,सुरक्षा ढांचे में मदद देगा भारत
नयी दिल्ली, 02 अगस्त : भारत ने मालदीव को ग्रेटर माले कनेक्टिविटी परियोजना सहित विभिन्न परियोजनाओं को समय पर पूरा करने के लिए दस करोड़ डॉलर के अतिरिक्त ऋण देने के साथ ही देश की रक्षा एवं सुरक्षा प्रणाली को सशक्त बनाने के लिए एक नौसैनिक पोत एवं 24 वाहन देने के साथ 61 द्वीपों में पुलिस ढांचा मजबूत बनाने में सहयोग देने आज घोषणा की।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भारत की यात्रा पर आये मालदीव के राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह के बीच हैदराबाद हाउस में प्रतिनिधिमंडल स्तर की द्विपक्षीय बैठक में ये निर्णय लिये गये। श्री सोलिह कल नयी दिल्ली आये हैं। पहले दोनों नेताओं के बीच एकांत में बातचीत हुई और फिर प्रतिनिधिमंडल स्तर की बैठक हुई। बैठक में भारत ने मालदीव को 2030 तक उसके शून्य कार्बन उत्सर्जन के लक्ष्य को हासिल करने में मदद करने का आश्वासन दिया।
बैठक के बाद श्री मोदी ने अपने प्रेस वक्तव्य में राष्ट्रपति सोलिह का स्वागत करते हुए कहा कि पिछले कुछ वर्षों में भारत और मालदीव के मित्रतापूर्ण संबंधों में नया जोश आया है, हमारी नजदीकियां बढ़ी हैं। महामारी से पैदा हुई चुनौतियों के बावजूद हमारा सहयोग एक व्यापक भागीदारी का रूप लेता जा रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी आज राष्ट्रपति सोलिह के साथ कई विषयों पर व्यापक चर्चा हुई है। उन्होंने हमारे द्विपक्षीय सहयोग के सभी आयामों का आकलन किया और महत्वपूर्ण क्षेत्रीय एवं वैश्विक मुद्दों पर भी विचारों का आदान-प्रदान किया।
उन्होंने कहा, “ अभी कुछ देर पहले हमने ग्रेटर माले कनेक्टिविटी प्रोजेक्टस की शुरुआत का स्वागत किया। यह मालदीव की सबसे बड़ी अवसंरचना परियोजना होगी। हमने आज ग्रेटर माले में 4000 सोशल आवासों के निर्माण के परियोजना की समीक्षा की है। मुझे यह घोषणा करते हुए प्रसन्नता है कि हम इसके अतिरिक्त 2000 सोशल आवासों के लिए भी वित्तीय सहायता देंगे।” उन्होंने कहा, “ हमने 10 करोड़ डॉलर के अतिरिक्त ऋण देने का निर्णय भी किया है, ताकि सभी परियोजनाएं समयबद्ध तरीके से पूरे हो सकें। ”
श्री मोदी ने कहा कि हिन्द महासागर में पारदेशीय अपराध, आतंकवाद तथा ड्रग्स तस्करी का खतरा गंभीर है और इसलिए रक्षा और सुरक्षा के क्षेत्र में भारत और मालदीव के बीच करीबी संपर्क और समन्वय पूरे क्षेत्र की शांति और स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण है। इन सभी साझा चुनौतियों के ख़िलाफ़ हमने अपना सहयोग बढ़ाया है। इसमें मालदीव के सुरक्षा अधिकारियों के लिए क्षमता निर्माण और प्रशिक्षण सहयोग भी शामिल है। उन्होंने घोषणा की कि भारत मालदीव सुरक्षा बल के लिए 24 वाहन और एक नौसैनिक पोत प्रदान करेगा। हम मालदीव के 61 द्वीपों में पुलिस सुविधाओं के निर्माण में भी सहयोग करेंगे।
उन्होंने कहा, “मालदीव सरकार ने 2030 तक कार्बन उत्सर्जन को शून्य के स्तर पर लाने का लक्ष्य रखा है। मैं इस संकल्प के लिए राष्ट्रपति सोलिह को बधाई देता हूं और यह आश्वासन भी देता हूँ कि इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए भारत मालदीव को हर संभव सहयोग देगा। भारत ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक विश्व, एक सूर्य, एक ग्रिड, इसकी पहल उठाई है, और इसके तहत हम मालदीव के साथ प्रभावी कदम ले सकते हैं।”
उन्होंने कहा कि आज भारत-मालदीव साझीदारी न सिर्फ दोनों देशों के नागरिकों के हित में काम कर रही है, बल्कि क्षेत्र के लिए भी शांति, स्थिरता और समृद्धि का स्रोत बन रही है।
प्रधानमंत्री ने यह भी आश्वासन दिया कि मालदीव की किसी भी जरूरत या संकट में भारत सबसे पहले मदद करने वाला रहा है और आगे भी रहेगा।