चुनाव में विकलांग मतदाताओं की भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिए निर्वाचन आयोग ने शुरू किया अभिनव प्रयोग
नई दिल्ली 04 नवंबर : मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने शुक्रवार को कहा कि आयोग मतदान प्रक्रिया को समावेशी और खासकर विकलांग लोगों के लिए अधिक सहज बनाने के लिए हर तरह के सुझाव पर विचार करेगी।
श्री कुमार ने बताया की आयोग विकलांग व्यक्तियों के मामले देखने वाले विभाग के साथ मिलकर ऐसे अधिक से अधिक मतदाताओं की पहचान करने में लगा है जिन्हें मतदान प्रक्रिया में भाग लेने के लिए विशेष सहायता की जरूरत
है।
श्री कुमार निर्वाचन आयोग द्वारा पहली बार शुरू की गई एक अभिनव पहल के अंतर्गत विकलांग मतदाताओं को मतदान प्रक्रिया में भाग लेने के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से विकलांगता को चुनौती देकर अपनी विशिष्ट पहचान बनाने वाले व्यक्तियों के पहले राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। इस सम्मेलन में विभिन्न राज्यों के ऐसे व्यक्तियों ने वीडियो ऑडियो कांफ्रेंस के माध्यम से अपने अपने विशिष्ट कौशल और कलाओं का प्रदर्शन किया।
श्री कुमार ने कहा कि “विकलांगता को अक्षमता नहीं माना जाना चाहिए। विकलांगता को लेकर आवश्यकता है तो केवल सही दृष्टिकोण अपनाने की। “राजधानी में आकाशवाणी के रंग भवन प्रेक्षागार में आयोजित इस कार्यक्रम में निर्वाचन आयुक्त अनूप चंद्र पांडे भी उपस्थित थे। “सहज मतदान के लिए विकलांग प्रतिभाओं के पहले राष्ट्रीय सम्मेलन” में मेघालय के दृष्टिहीन कलाकारों की टोली ने संगीत लहरी बिखेरी और दिल्ली के विकलांग कलाकारों ने नृत्य प्रदर्शित कर लोगों का मन मोह लिया। विभिन्न राज्यों के दिव्यांग कलाकार इस कार्यक्रम से वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से जुड़े
थे।
मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री कुमार ने इस अवसर पर विकलांग मतदाताओं की मदद के लिए पीडब्ल्यूडी ऐप 2.0 जारी किया जिसे निर्वाचन आयुक्त ने आयोग ने विकलांग मतदाताओं को मत डालने में आसानी के लिए विशेष रूप से विकसित किया है। आयोग मतदान कर्मियों को विकलांग व्यक्तियों की आवश्यकताओं के प्रति संवेदनशील बनाने के लिए प्रशिक्षण मॉड्यूल भी विकसित किया है।
निर्वाचन आयुक्त अनूप कुमार पांडे ने कहा कि इस तरह के मंचों से चुनाव निर्वाचन प्रक्रिया को अधिक समावेशी और सरल बनाने तथा मतदान के काम को हर तरह के व्यक्ति के लिए सरल बनाने के बारे में विचार मंथन का अवसर मिलता है। उन्होंने कहा कि निर्वाचन आयोग का प्रयास है की चुनाव में मतदाताओं की भागीदारी बढ़े, सुविधाएं बेहतर
हों, विकलांग वाले व्यक्तियों की चुनाव प्रक्रिया में भागीदारी के बारे में आम लोगों की धारणा में बदलाव हो और ऐसे व्यक्तियों की आवाज भी लोकतंत्र में बराबर का महत्व प्राप्त कर सके।
उन्होंने कहा कि निर्वाचन आयोग की मान्यता है कि मतदान प्रक्रिया मतदान के लिए पात्रता रखने वाले हर व्यक्ति के लिए पूरी तरह सुलभ और समावेशी हो। आयोग अपनी इस मान्यता के साथ कोई समझौता नहीं कर सकता।
इस कार्यक्रम में केरल हरियाणा , छत्तीसगढ़ , गोवा , उत्तर प्रदेश , कर्नाटक , मिजोरम , चंडीगढ़ , राजस्थान, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल के विकलांग व्यक्तियों ने वहां के मुख्य चुनाव अधिकारी के कार्यालयों पर अपनी अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया जिसे ऑडियो विजुअल माध्यम से पूरे देश में देखा गया।