नगरीय निकायों के जन-प्रतिनिधियों के मानदेय और भत्ते होंगे दोगुना: शिवराज
भोपाल, 19 दिसम्बर : मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि जन-प्रतिनिधि, जनता की सेवा कर जनता का सम्मान अर्जित करें।
श्री चौहान आज यहां प्रदेश के सभी जिलों से आए नगरीय निकायों के नव-निर्वाचित जन-प्रतिनिधियों के एक दिवसीय प्रशिक्षण-सत्र में अपने दीर्घकालीन अनुभव के आधार पर सार्वजनिक जीवन में सफलता के टिप्स दिये। उन्होंने कहा कि विनम्र तथा अहंकाररहित रहते हुए उत्साह से निरंतर सक्रिय रहना आवश्यक है। जन-सामान्य की जन-प्रतिनिधियों से बहुत अपेक्षाएँ हैं। अत: धैर्य रखते हुए लोगों की समस्याएँ सुनना और उनके समाधान की हरसंभव कोशिश करना और जनता से संवाद में बने रहना आवश्यक है।
श्री चौहान ने नगरीय निकायों के महापौर, अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सभापति और पार्षद का मानदेय एवं भत्ता दोगुना करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि नव-निर्वाचित जन-प्रतिनिधि जागरूक और जिज्ञासु रहें। शासकीय योजनाओं को जानें-समझें और नियम प्रक्रिया के अनुसार ही कार्य करें। जो कहें, वह करें, पर ऐसा कोई कार्य न करें और न ही ऐसे शब्दों का उपयोग करें जिससे आपकी प्रतिष्ठा प्रभावित हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि हर गरीब को रहने के लिए स्थान चाहिए। उसके लिए राज्य शासन हरसंभव प्रयास कर रहा है। प्रदेश में 31 दिसम्बर 2020 तक जो गरीब जहाँ रह रहे थे, उन्हें वहाँ का पट्टा दिया जाएगा।
श्री चौहान मोतीलाल नेहरू स्टेडियम में नगरीय निकायों के नव-निर्वाचित पदाधिकारियों के प्रशिक्षण-सत्र को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि नगरीय निकायों के नगरों को स्वच्छ, सुंदर और नागरिक सुविधाओं की दृष्टि से बेहतर बनाने सभी के सहयोग के साथ कार्य किया जाए। उन्होंने कहा कि नगरीय निकाय नई कार्य-संस्कृति विकसित करें। मुख्यमंत्री से लेकर पार्षद तक सभी पदों की एक श्रंखला है। हमें अनियमितताएँ रोक कर आम जनता के कल्याण को प्राथमिकता देना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नगरीय निकायों द्वारा कार्यों की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जाए। अच्छी एजेंसी और श्रेष्ठ कार्य करने वाले ठेकेदारों को ही निर्माण कार्यों का जिम्मा दिया जाए। नगरों में अधो-संरचना विकास के कार्यों को समय-सीमा में पूरा किया जाए। नल कनेक्शन से लेकर राशन के वितरण और अन्य नागरिक सुविधाओं को समय पर प्रदान करने को प्राथमिकता दी जाए। जनता के कल्याण से जुड़ी योजनाओं के अच्छे क्रियान्वयन में नगरीय निकाय सक्रिय भूमिका निभाएँ। उन्होंने कहा कि स्ट्रीट वेण्डर के कल्याण से लेकर शहरी आजीविका मिशन से हितग्राहियों को सहायता दिलवाने की लगभग 38 प्रकार की योजनाएँ लागू हैं। इनका लाभ पात्र हितग्राहियों को दिलवाने के लिए नगरीय निकायों के पदाधिकारी सजग और सक्रिय रहें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हाल ही में मुख्यमंत्री जन-सेवा अभियान के शिविर लगाये गये थे। शहरी क्षेत्र में भी वार्डों में यह शिविर लगे। राशन कार्ड बनाने से लेकर उज्ज्वला योजना और पेंशन राशि दिलवाने के कार्यों को सुनिश्चित किया जाए। इनके लाभ से कोई वंचित न रहे। उन्होंने आग्रह किया कि निर्वाचित पदाधिकारी वार्ड-वार्ड भ्रमण कर वंचित हितग्राहियों की जानकारी प्राप्त कर उन्हें लाभान्वित करवाने का कार्य करें। हितग्राहियों से प्रपत्र भरवाने, गड़बड़ करने वाले व्यक्तियों को नियंत्रित करने का कार्य होता रहेगा, तो निर्वाचित पदाधिकारी जनता के हृदय में स्थान बना लेंगे।
श्री चौहान ने कहा कि नगरीय निकायों के निर्वाचित पदाधिकारी मेरे हाथ-पाँव और आँख-कान भी है। पार्षद से लेकर मुख्यमंत्री तक सभी का संयुक्त दायित्व महत्वपूर्ण है। निकायों के कार्य तभी बेहतर होंगे जब हम सब मिल कर कार्य करेंगे। शहरों के विकास में नागरिकों का पूर्ण सहयोग लिया जाए। इंदौर नगर यदि 6 बार देश का स्वच्छतम नगर बन सकता है, तो अन्य नगरीय निकाय भी इस दिशा में प्रयास कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि नगरीय निकायों को शीतकाल में रैनबसेरा की व्यवस्था को भी पुख्ता रखना है। इनमें आकर रहने वाले लोगों को भोजन और विश्राम के साथ गर्म कपड़ों और अलाव की व्यवस्था भी उपलब्ध करवाई जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यावरण की रक्षा और पर्यावरण के विकास में नगरीय निकायों की महत्वपूर्ण भूमिका है। अपने शहर में एक स्थान निश्चित कर पौध-रोपण का कार्य किया जाए। नागरिकों को जन्म-दिवस, विवाह वर्षगाँठ पर और दिवंगत परिजन की याद में पौध-रोपण के लिए प्रेरित किया जाए। साथ ही अपने शहर को सुरक्षित बनाने का कार्य भी करें। वातावरण ऐसा हो कि बेटियाँ रात्रि के समय भी घर से निकल सकें। बेटियों का सम्मान सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश पहला प्रांत है, जहाँ बेटियों और बहनों के सम्मान को आहत पहुँचाने वालों को दण्डित करने का निर्णय लिया गया है। प्रदेश में ऐसे 79 दुराचारियों को फाँसी की सजा सुनाई गई है।
श्री चौहान ने कार्यक्रम स्थल पर लगें सोन चिरैया मेले एवं विभागीय प्रदर्शनी का शुभारंभ किया। उन्होंने प्रदर्शनी एवं स्व-सहायता समूहों द्वारा लगाए गये स्टालों का अवलोकन किया एवं समूह के सदस्यों से चर्चा की।
श्री चौहान ने कहा किनगरीय निकायों के जन-प्रतिनिधियों के मानदेय और भत्ते में दोगुने की वृद्धि की गई है। दस लाख से अधिक जनसंख्या के नगर पालिक निगमों में वर्तमान में महापौर को मानदेय 11 हजार, सत्कार भत्ता 2500, अध्यक्ष को मानदेय 9 हजार, सत्कार भत्ता 1400 और पार्षदों को मानदेय प्रतिमाह 6 हजार रूपये मिल रहा है। दस लाख से कम जनसंख्या वाले नगर पालिक निगमों के महापौर का मानदेय 11 हजार, सत्कार भत्ता 2500, अध्यक्ष को मानदेय 9 हजार, सत्कार भत्ता 1400 और पार्षद को 6 हजार रूपये मानदेय मिल रहा है।
नगर पालिका परिषद में अध्यक्ष का मानदेय 3 हजार रूपये सत्कार भत्ता 1800, उपाध्यक्ष का मानदेय 2400, सत्कार भत्ता 800 और पार्षद को मानदेय 1800 रूपये मिल रहा है। नगर परिषद में अध्यक्ष को मानदेय 2400 रूपये, सत्कार भत्ता 1100, उपाध्यक्ष को मानदेय 2100, सत्कार भत्ता 800 और पार्षद को 1400 रूपये मासिक मानदेय वर्तमान में मिलता है। इन सभी के मानदेय और भत्तों में दोगुना की वृद्धि की गई है।
श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश के नगरीय क्षेत्रों की सड़कों के पुर्ननिर्माण के लिये 770 करोड़ रूपये दिये जाएंगे। नगरीय निकायों में मुख्य नगर पालिका अधिकारियों के रिक्त पदों पर सशक्त मुख्य नगर पालिका अधिकारी की पद-स्थापना की जाएगी। सफाई कर्मचारियों के लिये समूह बीमा योजना में दुर्घटना जनित मृत्यु पर अब 2 लाख के स्थान पर अब 5 लाख रूपये मिलेंगे। भवन विहीन नव गठित 35 नगरीय निकायों को 1-1 करोड़ रूपये की राशि भवन निर्माण के लिये दी जाएगी। इन्हें अधोसंरचना विकास के लिये भी 80-80 लाख रूपये दिए जाएंगे। मुख्यमंत्री अन्त्योदय दीनदयाल रसोई योजना सभी शहरों में शुरू की जाएगी। अमृत योजना में 12 हजार 800 करोड़ रूपये शहरों में हर घर जल की उपलब्धता और स्वीकृत सीवरेज परियोजनाओं के लिये शुरू किए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्मार्ट सिटी मिशन में 14 शहरों में रोप-वे का निर्माण किया जाएगा। इनमें उज्जैन नगर भी शामिल है, जहाँ यात्री ट्रेन द्वारा रेलवे स्टेशन पहुँचने के बाद आकाश मार्ग से सीधे श्री महाकाल महालोक तक पहुँच सकेंगे। नगरों में सड़कों पर बढ़ती भीड़ को देखते हुए यातायात के लिए नए विकल्प अपनाए जाएंगे।
श्री चौहान नेराजस्व संग्रहण एवं स्वच्छता में उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल करने वाले नगरीय निकायों को प्रोत्साहन अनुदान और सम्मान प्रदान किए। उन्होंने उल्लेखनीय राजस्व संग्रहण पर एक लाख से अधिक जनसंख्या वाले नगरीय निकाय नर्मदापुरम् को 30 लाख रूपये, मंदसौर को 20 लाख और विदिशा को 15 लाख रूपये का प्रोत्साहन अनुदान दिया। एक लाख से कम जनसंख्या के नगरीय निकाय राघोगढ़ को 30 लाख शाजापुर को 20 लाख और मैहर को 15 लाख रूपये का प्रोत्साहन अनुदान दिया गया।
इसी तरह 25 हजार से अधिक जनसंख्या के नगरीय निकाय महूगांव को 15 लाख 50 हजार, राऊ को 10 लाख और धामनोद, शामगढ़ और मनासा को 5-5 लाख रूपये दिये गये। 25 हजार से कम जनसंख्या के नगरीय निकाय उचेरा को 15 लाख 50 हजार रूपये, बड़कूही को 10 लाख और विरसिंहपुर, खजुराहो तथा बड़ामलहरा को 5-5 लाख रूपये का प्रोत्साहन अनुदान दिया गया।
श्री चौहान ने राष्ट्रीय स्तर पर अवार्ड प्राप्त करने वाले नगरीय निकाय इंदौर, भोपाल, उज्जैन, छिन्दवाड़ा, मुंगावली, खुरई, खजुराहो, महू केंट, औबेदुल्लागंज, फूपकलां, पेटलावद, बड़ौनी, भिण्ड, बीना, इटावा, मलाजखण्ड, लवकुश नगर, बुधनी और तेंदूखेड़ा को सम्मानित किया।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने कहा कि संवेदनशीलता और समस्या निवारण में मुख्यमंत्री ने एक उदाहरण प्रस्तुत किया है। उन्होंने कहा कि 372 निकायों के 6924 वार्डों में से चुनकर आये 1761 पार्षद 35 वर्ष से कम आयु के है। युवा जोश जब जनसेवा में जुटेगा तो प्रदेश के विकास की गति तेजी से बढ़ेगी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने देश में पहली बार मध्यप्रदेश में नगरीय निकाय एवं पंचायतों में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण दिया। उन्होंने बताया कि 393 निकायों में 7321 वार्डों में से 3452 पार्षद अन्य पिछड़ा वर्ग से है।
श्री सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री चौहान के संकल्प के कारण ही सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बावजूद प्रदेश में अन्य पिछड़ा वर्ग को आरक्षण सुनिश्चित हुआ है। उन्होंने कहा कि नई सोच, अप्रोच, नये उपायों और तकनीकों से स्वयं को अपडेट करना जरूरी है। इस प्रशिक्षण सत्र के बाद आप नए विचारों एवं नई ऊर्जा से भरकर यहाँ से जाएंगे। उन्होंने कहा कि हमारे पास आदर्श के रूप में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और हृदय में बसने वाले मुख्यमंत्री श्री चौहान है। सरकार के नवाचार का ही परिणाम है इंदौर का गोवर्धन प्लांट। मुख्यमंत्री ने जनसेवक के कर्तव्यों के साथ ही प्रकृति सेवा को भी जोड़ लिया है। उन्होंने 23 फरवरी 2021 से अब तक 1852 वृक्ष विभिन्न स्थानों पर लगाएं हैं। वे प्रतिदिन जहाँ भी रहते है एक पौधा जरूर लगाते है। उन्होंने कहा कि नव निर्वाचित जन-प्रतिनिधि राज्य सरकार की जनहितैषी योजनाओं को अंतिम व्यक्ति तक ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
नगरीय विकास एवं आवास राज्य मंत्री ओपीएस भदौरिया ने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए स्थानीय निकायों के आत्म-निर्भर बनाने और पर्यावरण को सुधारने के मंत्र पर सभी जन-प्रतिनिधियों को अमल करना है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने कोरोना काल में देवदूत बनकर कार्य किया है। श्री भदौरिया ने कहा कि मध्यप्रदेश ने नगरीय विकास की विभिन्न योजनाओं में प्रथम स्थान प्राप्त किया है।
प्रमुख सचिव नगरीय विकास एवं आवास नीरज मंडलोई ने कहा कि शहर शिक्षा एवं विकास की धुरी बन चुके हैं। शहर के सुनियोजित विकास की चुनौती सामने है। उन्होंने कहा कि नवनिर्वाचित जन-प्रतिनिधि और विभाग मिल कर कार्य करेंगे और शहरी विकास का नया मॉडल बनाएंगे। आयुक्त नगरीय प्रशासन एवं विकास भरत यादव ने आभार माना।
इस दौरान नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री हरदीप सिंह डंग, विधायक रामेश्वर शर्मा और श्रीमती कृष्णा गौर, महापौर भोपाल नगर पालिक निगम श्रीमती मालती राय सहित सभी नगर निगमों के महापौर, स्पीकर, नगरीय निकायों के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष एवं पार्षद तथा अन्य जन-प्रतिनिधि उपस्थित थे।