मध्य प्रदेश

भारत की विचारधारा ने सभी विचारों का सम्मान किया – शिवराज

खंडवा, 05 मई : मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज कहा कि भारत अत्यंत प्राचीन देश है और इसका ज्ञात इतिहास भी हजारों साल पुराना है। जब पश्चिम के तथाकथित विकसित राष्ट्रों में सभ्यता के सूर्य का उदय नहीं हुआ था, तब हमारे यहाँ वेदों की ऋचाएं रच दी गयी थीं।

श्री चौहान ने खंडवा जिले के ओंकारेश्वर में एक समीक्षा बैठक को संबोधित किया। श्री चौहान ने कहा कि ये वो धरती है, जिसने सभी विचारों का सम्मान किया। किसी ने कहा भगवान साकार है, ठीक है साकार है। किसी ने कहा कि ईश्वर सृष्टि के कण-कण में विराजमान है, वो निराकार है, तो भारत ने कहा निराकार है। साकार का भी स्वागत, निराकार का भी स्वागत। चार्वाक भी आये, जिन्होंने जीवन की अलग व्याख्या की, उन्हें सूली पर नहीं लटकाया भारत ने। हमने चार्वाक को भी ऋषि का सम्मान दिया।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बैठक में भारतीय दर्शन की खूबियों को बेहतर तरीके से बताने का प्रयास किया। देश के प्रमुख ज्योतिर्लिंग ओम्कारेश्वर में जगद्गुरु आदि शंकराचार्य की 108 फीट ऊँची प्रतिमा ”स्टेच्यू ऑफ़ वननेस” और अद्वैत वेदांत पीठ की स्थापना की समीक्षा के लिए मुख्यमंत्री तीन दिवसीय दौरे पर ओम्कारेश्वर आए हैं। वे यहाँ गुरुवार की शाम पत्नी के साथ आये और रात्रि विश्राम के पश्चात आज सुबह एनएचडीसी के ऑडिटोरियम में समीक्षा बैठक ली। उन्होंने ओंकारेश्वर में शंकराचार्य की मूर्ति स्थापना सम्बन्धी कार्ययोजना की विस्तृत जानकारी ली। इसका विजुअल प्रजेंटेशन भी देखा। इस मौके पर प्रमुख संत और विद्वान भी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जी -20 की अध्यक्षता करते हुए ”एक पृथ्वी -एक परिवार -एक भविष्य” का नारा दिया है, जो वसुधैव कुटुंबकम का ही मन्त्र है। हमारी संस्कृति की यही खूबी है कि यह सिर्फ मनुष्य मात्र नहीं, बल्कि सृष्टि के सभी प्राणियों में सद्भाव और विश्व के कल्याण की भावना रखती है। यहाँ का बच्चा बच्चा धार्मिक कथाओं में, प्राणियों में सद्भावना हो और विश्व का कल्याण हो, की बात दोहराता है।

श्री चौहान ने कहा कि हम वसुधैव कुटुंबकम वाले है, ये तेरा है -ये मेरा है, ये सोच छोटे दिल वालोे की हाेती है। जो विशाल हृदय के होते हैं, वो कहते हैं कि सारी दुनिया ही एक परिवार है।
श्री चौहान तीन दिवसीय प्रवास के दूसरे दिन आज आदि शंकराचार्य की प्रतिमास्थल पर चल रही तैयारियों का भी अवलोकन करेंगे। इस 108 फिट ऊँची प्रतिमा के लिए 52 फिट ऊँचा आधार तैयार किया जा रहा है। ओंकार प्रकट पर 28 एकड़ क्षेत्र में अद्वैत वेदांत पीठ और मूर्ति स्थापना के लिए शासन ने लगभग दो हजार करोड़ रुपयों का बजट रखा है। स्टेच्यू ऑफ़ वननेस, का लोकार्पण सितम्बर माह में प्रधानमंत्री द्वारा प्रस्तावित है, जिसे लेकर तैयारियां तेज गति से चल रही हैं।

मुख्यमंत्री ने कल शाम स्थानीय जनप्रतिनिधियों से भी भेंट की, जिन्होंने ओम्कारेश्वर में विकास के लिए कई महत्वपूर्ण सुझाव भी दिए। इसमें यहाँ मुख्य मंदिर में दर्शन को आसान करने पर सबसे ज्यादा जोर था। चूँकि यहाँ गर्भगृह अत्यंत संकीर्ण है और यहाँ भक्तों की संख्या में लगातार इज़ाफ़ा हो रहा है। महाकाल लोक की तर्ज पर ओंकार लोक को भी विकसित करने की मांग मुख्यमंत्री से की गयी।

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