भारत

पूर्व न्यायाधीश सप्रे की अध्यक्षता वाली समिति हिंडनबर्ग की रिपोर्ट विवाद की करेगी जांच

नयी दिल्ली, 02 मार्च : उच्चतम न्यायालय ने अडानी समूह पर अमेरिकी शोध संस्थान ‘हिंडनबर्ग’ की एक रिपोर्ट से भारत के शेयर बाजार से जुड़े विवाद की जांच के लिए गुरुवार को शीर्ष अदालत के सेवानिवृत्त न्यायाधीश अभय मनोहर सप्रे की अध्यक्षता में छह सदस्यों की एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया।

मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा और जे बी पारदीवाला की पीठ ने समिति के गठन का आदेश पारित करते हुए समिति से जांच का काम दो महीने में पूरा करने और अपनी रिपोर्ट पेश करने का अनुरोध किया है।

पीठ ने ओ पी भट, न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) जे पी देवधर, के वी कामत, नंदन नीलेकणि, सोमशेखर सुंदरसन को समिति का सदस्य नियुक्त किया है।

शीर्ष अदालत ने अधिवक्ता एम एल शर्मा, विशाल तिवारी, कांग्रेस नेता जया ठाकुर और अनामिका जायसवाल की याचिकाओं पर सुनवाई के बाद समिति के गठन संबंधी अपना यह आदेश पारित किया।

पीठ ने संबंधित पक्षों की दलीलें सुनने के बाद 17 फरवरी 2023 को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
शीर्ष अदालत ने आदेश पारित करते हुए कहा कि समिति स्थिति का समग्र मूल्यांकन करेगी।
पीठ ने समिति से शेयर बाजार में निवेशकों की सुरक्षा को और मजबूत करने के उपाय सुझाने के लिए भी कहा है। समिति से यह भी जांच करने के लिए कहा गया है कि क्या अडानी समूह या अन्य कंपनियों के संबंध में प्रतिभूति बाजारों से संबंधित कानूनों के कथित उल्लंघन में नियामक विफलता हुई है।

शीर्ष अदालत ने स्पष्ट किया है कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद सेबी की ओर से की जा रही अडानी समूह की कंपनियों की जांच जारी रहेगी।

‘हिंडनबर्ग’ ने 25 जनवरी को अपनी रिपोर्ट प्रकाशित की थी, जिसमें अडानी समूह समूह पर लेखांकन धोखाधड़ी और ‘बेशर्म स्टॉक हेरफेर’ में शामिल होने का आरोप लगाया गया था। अडानी समूह ने हालांकि ‘हिंडनबर्ग’ की उस रिपोर्ट मे लगाए गए आरोपों को खारिज कर दिया था।

याचिकाकर्ताओं में शामिल अधिवक्ता शर्मा और तिवारी ने हिंडनबर्ग रिपोर्ट के पीछे साजिश का आरोप लगाया है, जबकि डॉ. ठाकुर ने अडानी एंटरप्राइजेज के खिलाफ अमेरिकी फर्म द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच की मांग की।
डॉ. ठाकुर ने शीर्ष अदालत के समक्ष दायर अपनी याचिका में हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट के मद्देनजर अदानी समूह और उसकी सहयोगी कंपनियों की जांच उच्चतम न्यायालय के वर्तमान न्यायाधीश की देखरेख में केंद्रीय जांच ब्यूरो और प्रवर्तन निदेशालय जैसी केंद्रीय एजेंसियों से जांच कराने का निर्देश देने की गुहार लगाई थी।
अधिवक्ता शर्मा ने अपनी याचिका में दावा किया है कि हिंडनबर्ग रिसर्च संस्था के नैट एंडरसन और उनकी भारतीय संस्थाओं ने मिलकर एक आपराधिक साजिश रची तथा 25 जनवरी 2023 से पहले और उसके बाद सैकड़ों अरब डॉलर की शेयर की बिक्री की। इसके बाद उन्होंने कथित तौर पर एक मनगढ़ंत रिपोर्ट जारी की।

Related Articles

Back to top button