कारम डैम मामले पर नजर रखे है सरकार, सेना की मदद भी
धार/भोपाल, 13 अगस्त : मध्यप्रदेश के धार जिले में कारम डैम में लीकेज के चलते लगभग डेढ़ दर्जन गांव ऐहतियात के तौर पर खाली करा लिए गए हैं और आपात स्थिति से निपटने के लिए सेना के विशेषज्ञों और जवानों को भी तैनात किया गया है। वायुसेना के दो हेलीकॉप्टर भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार रखे गए हैं।
इस बीच मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज यहां राज्य मंत्रालय वल्लभ भवन स्थित आधुनिक स्टेट सिचुएशन रूम (एसएसआर) में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक कर स्थिति का जायजा लिया और अधिकारियों को आवश्यक दिशानिर्देश दिए। इस अवसर पर मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैस और अपर मुख्य सचिव गृह डॉ राजेश राजौरा के अलावा जल संसाधन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार श्री चौहान काे इस अवसर पर बताया गया कि धार जिला और इंदौर संभाग के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर ही हैं। सेना के इंजीनियर और जवान भी बुला लिए गए हैं। मौजूदा हालातों को देखते हुए धार जिले के एक दर्जन से अधिक और खरगोन जिले के लगभग आधा दर्जन गांव खाली करा लिए गए हैं। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें भी मय साजोसामान के साथ तैनात कर दी गयी हैं।
सूत्रों के अनुसार श्री चौहान ने आज की स्थिति की समीक्षा के दौरान धर्मपुरी तहसील के अधीन आने वाले कारम मध्यम सिंचाई परियोजना के निर्माणाधीन बांध से जनता की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि खतरे की आशंका वाले गांवों में बसे लोगों को जनप्रतिनिधियों की मदद से अन्य सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जाए।
श्री चौहान ने धार कलेक्टर से कहा कि वे इस मुसीबत का सामना बुद्धिमता का उपयोग कर करें। जनधन और पशुधन की रक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दें और सभी कठिनाइयों का सामना करें। उन्होंने भावनात्मक संदेश देते हुए कहा कि यह हम सभी की परीक्षा की घड़ी है और सब मिलकर युद्धस्तर पर कार्य करें।
धार जिले में कारम नदी पर 300 करोड़ रुपयों की अधिक लागत से बांध निर्माण संबंधी परियोजना का कार्य चल रहा है। इस बांध की एक दीवार से लीकेज की स्थिति दो दिन पहले बनी और मिट्टी से बनी दीवार ढह गयी। बताया गया है कि उपयुक्त मिट्टी का इस्तेमाल नहीं करने के कारण यह स्थिति बनी है। जहां पर काली मिट्टी का उपयोग किया गया है, वो हिस्सा ढह रहा है। वहीं संबंधित लगभग डेढ़ दर्जन ग्रामीण भय के वातावरण के बीच अपना जरूरी सामान समेटकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचने के प्रयास में जुटे हैं।
डैम का जल ग्रहण क्षेत्र 183 वर्ग किलोमीटर है। इसकी लंबाई 590 मीटर से अधिक और ऊंचाई लगभग 50 मीटर है।