राजस्थान

राजस्थान में एसीबी ने वर्ष 2022 में 511 प्रकरण हुए दर्ज

जयपुर 31 दिसंबर : राजस्थान भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने वर्ष 2022 में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत 511 मामले दर्ज किये गए, जिनमें 465 ट्रेप, 19 पद के दुरूपयोग तथा 27 आय से अधिक सम्पत्ति के प्रकरण शामिल हैं।
एसीबी के आधिकारिक सूत्रों के अनुसार

इन प्रकरणों में राजस्व, पुलिस, पंचायत, ऊर्जा विभाग, स्वायत्त शासन विभाग आदि प्रमुख है।
ट्रेप के दर्ज 465 प्रकरणों में से 67 प्रकरण राजपत्रित अधिकारी एवं 398 प्रकरण अराजपत्रित कर्मचारीगण के विरूद्ध दर्ज किये गये। इनमें 493 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया जिनमें 16 लोक सेवक केन्द्र सरकार के है।
पद के दुरूपयोग के कुल 19 प्रकरण दर्ज किये गए। इन प्रकरणों में 11 प्रकरण राजपत्रित अधिकारीगण एवं आठ प्रकरण अराजपत्रित कर्मचारीगणों के विरूद्ध दर्ज किये गये।

आय से अधिक सम्पत्ति के 27 प्रकरण दर्ज किये गए, इन प्रकरणों में 15 प्रकरण राजपत्रित अधिकारीगण एवं 12 प्रकरण अराजपत्रित कर्मचारीगणों के विरूद्ध दर्ज किये गये। वर्ष 2021 में 501 प्रकरण दर्ज किए गए ।
वर्ष 2022 में 278 परिवादों एवं 37 प्राथमिक जांचों में अंतिम निर्णय लिया गया।

ब्यूरो मुख्यालय पर विभिन्न अनुसंधान अधिकारियों से प्राप्त प्रतिवेदनों पर 625 प्रकरणों में निर्णय आदेश पारित किये गये। ब्यूरो मुख्यालय से जारी निर्णय आदेशों के अनुक्रम में कुल 610 प्रकरणों में सम्बंधित न्यायालय में अंतिम निर्णय (चालान एवं एफ.आर.) प्रस्तुत किये गये। वर्ष 2022 में 604 मामलों का निस्तारण किया गया।

विभिन्न एसीबी न्यायालयों द्वारा वर्ष 2022 में 233 प्रकरणों का निस्तारण किया गया है, जिनमें से 109 प्रकरणों में आरोपी को कारावास/जुर्माने से दण्डित किया गया है। न्यायालयों द्वारा निस्तारित प्रकरणों में 132 लोक सेवकों एवं 12 दलालों को दण्डित किया गया है। इस प्रकार वर्ष 2022 में सजा का प्रतिशत 51.17 रहा है।

भ्रष्टाचार के विरूद्ध शुरू किये गये अभियान के अनुक्रम में ब्यूरो मुख्यालय द्वारा प्रत्येक युनिट स्तर पर ’ग्राम सजग योजना’ की शुरूआत की गई है। इस योजना के तहत प्रत्येक युनिट द्वारा एक गांव का चयन कर सम्बंधित आमजन को भ्रष्टाचार के विरूद्ध जागरूक कर उन्हें अपने अधिकारों व हितों के सम्बंध में जानकारी प्रदान कर अन्य विभागों के साथ समन्वय स्थापित करते हुए सरकारी योजनाओं से लाभान्वित किया जाना है। इस क्रम में ब्यूरो द्वारा 51 ग्रामों का चयन कर कार्य किया जा रहा है।

राज्य सरकार की भ्रष्टाचार के विरूद्ध जीरो-टाॅलरेन्स की नीति की प्रतिबद्धता के फलस्वरूप 804 आरोपियों के संबंध में अभियोजन स्वीकृति निर्णय किये गये जो ब्यूरो की स्थापना के बाद सर्वाधिक है। यह सरकार की भ्रष्टाचार के विरूद्ध दृढ़ता को परिलक्षित करता है।

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