ओडिशा: एमबीपीवाई के तहत 4.13 लाख और लोग शामिल
भुवनेश्वर 07 अगस्त: ओडिशा में सामाजिक सुरक्षा प्रणाली को मजबूत करने के प्रयास में मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने सोमवार को राज्य में अतिरिक्त 4.13 लाख आवेदकों के लिए मधु बाबू पेंशन योजना (एमबीपीवाई) के लाभों को एक बार में मंजूरी दे दी।
एक आधिकारिक सूत्र ने कहा कि मुख्यमंत्री का यह फैसला सामाजिक सुरक्षा पेंशन के इच्छुक लोगों के लिए काफी खुशी लेकर आएगा। इसके साथ ही मधु बाबू पेंशन योजना का लक्ष्य बढ़ाकर 32.75 लाख कर दिया गया है क्योंकि पहले इस योजना के तहत 28.61 लाख लाभार्थियों को लाभ मिल रहा था।
मुख्यमंत्री कार्यालय के सूत्रों ने कहा कि सभी नए स्वीकृत लाभार्थियों को उनकी पहली पेंशन राशि अगले 15 अगस्त को जनसेवा दिवस पर ग्राम पंचायत मुख्यालय या वार्ड कार्यालयों में निर्वाचित प्रतिनिधियों की उपस्थिति में मिलेगी। सभी कलेक्टरों को शिविर के माध्यम से लाभार्थियों को पेंशन का सुचारू वितरण सुनिश्चित करने की सलाह दी गई है।
ओडिशा सरकार मधु बाबू पेंशन योजना (एमबीपीवाई) के तहत 500 रुपये, 700 रुपये और 900 रुपये प्रति माह पर सामाजिक सुरक्षा पेंशन प्रदान करती है।
इस योजना के तहत वृद्ध व्यक्ति, विधवाएं, विकलांग व्यक्ति, अविवाहित महिलाएं, ठीक हो चुके कुष्ठ रोगी, ओएसएसीएस द्वारा पहचाने गए एड्स रोगी, तलाकशुदा और निराश्रित, ट्रांसजेंडर व्यक्ति, विधवाएं, सीओवीआईडी प्रभावित परिवारों के अनाथ बच्चे तथा अन्य कमजोर लोग जैसे लाभार्थी आते हैं।
एमबीपीवाई में 0-79 वर्ष की आयु के बीच, विभिन्न श्रेणियों के लाभार्थियों को 500 रुपये प्रति माह पेंशन मिलती है जबकि 80 वर्ष और उससे अधिक आयु के लाभार्थियों को 700 रुपये प्रति माह मिलते हैं।
इसी प्रकार इस योजना के तहत 40-59 प्रतिशत विकलांगता वाले लाभार्थियों को प्रति माह 500 रुपये मिलते हैं, और 60 प्रतिशत और उससे अधिक विकलांगता वाले लाभार्थियों को प्रति माह 700 रुपये मिलते हैं जबकि 60 प्रतिशत और उससे अधिक विकलांगता वाले लाभार्थियों तथा 80 वर्ष और उससे अधिक आयु के लाभार्थियों को 900 रुपये प्रति महीने मिलते हैं।
श्री पटनायक ने राज्य भर के जिलों में सीएमओ के दौरे के दौरान प्राप्त शिकायतों और एमओ सरकार से प्राप्त फीडबैक पर विचार करते हुए योजना के तहत नए लाभार्थियों को शामिल किया।
मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार मुख्यमंत्री के सचिव (5टी) वीके पांडियन और सीएमओ के अन्य वरिष्ठ अधिकारी विकास परियोजनाओं की समीक्षा करने तथा जमीनी स्तर पर लोगों की शिकायतें सुनने के लिए जिलों का दौरा कर रहे हैं।