यूकेपीएससी मुख्य परीक्षा में 4,115 अभ्यर्थियों हुए शामिल
देहरादून 27 फरवरी : उत्तराखंड लोक सेवा आयोग (यूकेपीएससी) द्वारा 23 से 26 फरवरी तक आयोजित राज्य सिविल सर्विस (पीसीएस) की मुख्य परीक्षा में कुल 4115 अभ्यर्थियों ने प्रतिभाग किया।
यह जानकारी यूकेपीएससी के अध्यक्ष डॉ० राकेश कुमार ने सोमवार को दी। उन्होंने बताया कि उक्त पीसीएस परीक्षा 2021 के अन्तर्गत, शासन से प्राप्त अधियाचन के सापेक्ष 318 रिक्त पदों हेतु कुल 2,56,935 आवेदन पत्र प्राप्त हुए थे। इस हेतु प्रारम्भिक परीक्षा 03 अप्रैल 2022 में आयोजित की गई थी। जिसके आधार पर 5636 अभ्यर्थियों को मुख्य परीक्षा हेतु सफल घोषित किया गया। उन्होंने बताया कि मुख्य परीक्षा में 4115 अभ्यर्थियों द्वारा प्रतिभाग किया गया, जिनका उपस्थिति प्रतिशत 73.01 प्रतिशत रहा है।
डा. राकेश ने बताया कि इससे पूर्व पीसीएस परीक्षा-2016, जिसमें 138 पदों के सापेक्ष मुख्य परीक्षा माह सितम्बर, 2017 में आयोजित की गई थी तथा मुख्य परीक्षा में कुल 1912 अभ्यर्थियों के सापेक्ष 1458 अभ्यर्थियों द्वारा प्रतिभाग किया गया था। उनमें उपस्थिति का प्रतिशत 76.25 प्रतिशत रहा था। उन्होंने कहा कि इससे यह प्रतीत होता है कि दो पीसीएस मुख्य परीक्षाओं के आयोजन के बीच 05 वर्ष से अधिक का समय लगा है, इसलिए पीसीएस परीक्षाओं के आयोजन में निरन्तरता बनाये रखने पर जोर दिया जा रहा है।
इस परिप्रेक्ष्य में डॉ. कुमार द्वारा अवगत कराया गया है कि दो पीसीएस परीक्षाओं के आयोजन के बीच समय अन्तराल को न्यूनतम करने हेतु आयोग द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि अभ्यर्थियों को राज्य सिविल सेवा के अधिक से अधिक अवसर उपलब्ध कराने के दृष्टिगत अब पीसीएस परीक्षा का आयोजन प्रतिवर्ष कराया जाना सुनिश्चित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इसकी शुरूआत करते हुए आगामी पीसीएस प्रारम्भिक परीक्षा 2023 को माह जुलाई 2023 में कराया जाना प्रस्तावित किया गया है तथा शासन से प्राप्त होने वाले पीसीएस- 2023 के अधियाचन की प्रत्याशा में परीक्षा कलेण्डर वर्ष 2023 में इसे सम्मिलित किया गया है।
यूकेपीएससी अध्यक्ष ने बताया कि इसके साथ ही, आगामी पीसीएस परीक्षा 2023 से परीक्षा पाठ्यक्रम को संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की सिविल सेवा परीक्षा के पैटर्न के अनुसार करते हुए आयोग द्वारा परीक्षा पाठ्यक्रम को अनुमोदन प्रदान कर दिया गया है और इसकी संस्तुति उत्तराखण्ड शासन को हाल ही में प्रेषित कर दी गई है। उन्होंने बताया कि उक्त अनुमोदित परीक्षा पाठ्यक्रम पैटर्न से उत्तराखण्ड राज्य के युवाओं को राज्य सिविल सेवा के साथ-साथ अखिल भारतीय सिविल सेवा की तैयारी करने में भी महत्वपूर्ण मदद मिलेगी।