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बीसीआई ने न्यायमूर्ति मंथा के अदालत कक्ष के बहिष्कार की शुरू की जांच

कोलकाता,16 जनवरी : बार काउंसिल ऑफ वेस्ट बंगाल (बीसीडब्ल्यूबी) के ‘ब्लैक डे’ (काला दिवस) के बीच बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) की ओर से गठित तीन सदस्यीय जांच दल ने सोमवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय का दौरा कर न्यायमूर्ति राजशेखर मंथा के न्यायालय कक्ष में हुए हंगामे और बहिष्कार करने की घटना की जांच की।

अदालत के सूत्रों ने यहां यह जानकारी दी। बीसीआई टीम में उच्चतम न्यायालय के वकील रवींद्र कुमार रायज़ादा, इलाहाबाद उच्च न्यायालय के एक वरिष्ठ अधिवक्ता अशोक मेहता और दिल्ली उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन की कार्यकारी समिति की सदस्य बंदना कौर ग्रोवर शामिल हैं। इस समिति का गठन दिल्ली में अधिवक्ताओं की उस शिकायतों के बाद किया गया था कि कलकत्ता उच्च न्यायालय के वकीलों ने परिषद की नैतिकता और नियमों का उल्लंघन किया था।

बीसीआई सदस्य उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल से मिलेंगे और हंगामे के फुटेज एकत्र करेंगे, जो पिछले हफ्ते की शुरुआत में देखा गया था। ये लोग साथ ही शहर से जाने से पहले उच्च न्यायालय के अधिकारियों और अधिवक्ताओं से भी मुलाकात करेंगे।

सूत्रों ने कहा कि तथ्यान्वेषी समिति की ओर से मंगलवार तक बीसीआई को रिपोर्ट सौंपे जाने की उम्मीद है।

जांच समिति के सदस्य उच्च न्यायालय के वकीलों के एक वर्ग द्वारा विरोध करने और कोर्ट रूम नंबर 13 का बहिष्कार करने तथा अन्य वकीलों के प्रवेश को बाधित करने के बाद न्यायमूर्ति मंथा के कोर्ट रूम के सामने हुई अराजकता की भी जांच करेंगे।

उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव ने शनिवार को न्यायमूर्ति मंथा द्वारा शुरू की गई कुछ वकीलों के खिलाफ आपराधिक अवमानना ​​​​कार्यवाही के फैसले के लिए तीन न्यायाधीशों की एक समिति का गठन किया है।

इस बीच, बार काउंसिल ऑफ वेस्ट बंगाल के सदस्यों का एक वर्ग न्यायमूर्ति मंथा द्वारा अवमानना ​​कार्यवाही के मनमाने मुद्दे के विरोध में ‘ब्लैक डे’ मना रहा है।

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