त्रिपुरा में भाजपा नेता समीर उरांव पर हमला, तनाव का माहौल
अगरतला 13 नवंबर : त्रिपुरा के खोवाई जिले के बारामुरा पहाड़ी श्रृंखला में राष्ट्रीय राजमार्ग पर भाजपा के अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और सांसद समीर उरांव सहित अन्य नेताओं पर शनिवार रात हमला हुआ जिसके बाद वहां तनाव का माहौल है।
भाजपा का आरोप है कि विपक्षी टिपरा मोथा के कार्यकर्ताओं ने उत्तरी त्रिपुरा में आयोजित पार्टी की एक रैली से वापस लौट रहे भाजपा नेताओं के वाहन पर हमला किया, जिन्हें मोथा नेताओं ने अपने भाषणों में भाजपा के खिलाफ उकसाया।
श्री उरांव सहित अन्य नेताओं के वाहनों को बदमाशों ने सड़क पर रोका और उन पर हिंसक हमला किया। सौभाग्यवश वे बाल-बाल बच गए लेकिन उनके वाहन क्षतिग्रस्त हो गए। भाजपा नेताओं को बचाने के लिए सुरक्षाकर्मियों को हवा में गोलियां चलानी पड़ीं जिसके बाद बदमाश भाग गए।
श्री उरांव ने आरोप लगाया कि एक रैली से वापर लौट रहे तिपरा मोथा के कार्यकर्ताओं ने उनपर हमला किया जब वह प्रदेश अध्यक्ष विकास देववर्मा और अन्य लोगों के साथ कंचनमपुर में आयोजित पार्टी के एक कार्यक्रम में शामिल होने के बाद अगरतला लौट रहे थे।
पुलिस के अनुसार हमले में भाजपा नेताओं की कम से कम चार गाड़ियां क्षतिग्रस्त हुई और एक महिला सहित पार्टी के छह कार्यकर्ता घायल हुए। कुछ अज्ञात बदमाशों ने टिपरा के समर्थकों को ले जा रहे एक वाहन पर भी पथराव किया।
अन्य वाहनों से आ रहे टिपरा समर्थक वहां पहुंचे और बोलेरो वाहन का पीछा किया, हालांकि वह बारामुरा थर्मल प्रोजेक्ट के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया लेकिन वाहन में कोई नहीं मिला।
इस घटना के बाद थर्मल पावर प्रोजेक्ट के पास स्थित कुछ दुकानों में तोड़फोड़ किया गया, जिसके बाद टिपरा और भाजपा नेताओं के बीच जुबानी जंग छिड़ गई और उन्होंने एक-दूसरे पर अशांति फैलाने का आरोप लगाया।
इस बीच, मोथा के नेताओं ने आरोप लगाया कि भाजपा कार्यकर्ताओं ने उन्हें अपशब्द कहे जब वे सड़क पर अपने नेताओं के स्वागत का इंतजार कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मोथा के समर्थकों को ले जा रहे वाहनों को भाजपा समर्थकों ने निशाना बनाया और जब मोथा समर्थकों ने विरोध किया तब हिंसा शुरू हो गई।
मोथा के नेता किशोर देववर्मा ने कहा कि त्रिपुरा में 56 माह के कार्यकाल में भाजपा सभी अलोकतांत्रिक काम कर रही है और आम जीवन को डरावना बना रही है। विपक्षी पार्टियों को बर्दाश्त नहीं किया जा रहा है। यहां तक कि रक्तदान शिविरों में भी तोड़फोड़ की जाती है और रक्तदाताओं को सार्वजनिक रूप से पीटा जाता है। भाजपा झूठी और बड़ी-बड़ी बातें करने और हिंसा फैलाने में माहिर है और यह घटना अपनी तरह की एक अनोखी घटना है।
उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा लंबे समय से विपक्षी समर्थकों, नेताओं और विधायकों पर हिंसा करती रही है। वे पुलिस के सामने सभी विपक्षी दलों पर हमला कर रहे हैं। एफआईआर दर्ज होने के बावजूद पुलिस उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रही है और पुलिस अधिकारी पीड़ितों को झूठे मामलों में फंसा रहे हैं।