ओडिशा में हरेक व्यक्ति पर 22,042 रुपये का ऋण बोझ, आय भी बढ़ी
भुवनेश्वर 13 मार्च : ओडिशा में मार्च 2022 के अंत तक प्रति व्यक्ति ऋण बोझ 22,042 रुपये था जबकि प्रति व्यक्ति आय 1,28,873 रुपये थी।
वित्त मंत्री निरंजन पुजारी ने सोमवार को राज्य विधानसभा को यह जानकारी दी। कांग्रेस के तारा प्रसाद बाहिनीपति के एक सवाल के जवाब में श्री पुजारी ने कहा कि 1999-2000 के दौरान राज्य का प्रति व्यक्ति ऋण बोझ 4,918 रुपये था जबकि राज्य की प्रति व्यक्ति आय महज 13,012 रुपये थी। उन्होंने कहा कि 1999-2000 के दौरान प्रति व्यक्ति आय प्रति व्यक्ति ऋण का 2.65 गुना थी, लेकिन अब प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि हुई है और यह प्रति व्यक्ति ऋण का 5.8 गुना है।
वित्त मंत्री ने दावा किया कि कर्ज चुकाने की क्षमता बढ़ी है और यह नियंत्रित है। उन्होंने कहा कि 2021-22 के अंत तक ऋण-जीएसडीपी अनुपात आवश्यक 25 प्रतिशत के मुकाबले 14.7 प्रतिशत है।।
फिर भी वित्त मंत्री ने दावा किया कि ओडिशा कर्ज से ग्रस्त नहीं है। इसके अलावा 2005-06 से राज्य अपने राजस्व अधिशेष की स्थिति को बनाए हुए है। उन्होंने कहा कि 12वें वित्त आयोग की सिफारिशों के अनुसार सरकार ने नए कानून लाकर वित्तीय प्रबंधन में सफलता हासिल की है और केंद्र सरकार ने 2005-06 से 2009-10 तक 1909.50 करोड़ रुपये की ऋण राशि माफ की है।
श्री पुजारी ने कहा कि 2021-22 के अंत तक राज्य का ऋण बोझ 97,204.98 करोड़ रुपये था जो राज्य के जीएसडीपी का 14.7 प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि राज्य ने खुले बाजार से 2,85,558.07 करोड़ रुपये, नाबार्ड से 16,736.57 करोड़ रुपये, एनएसएसएफ से 6,525.38 करोड़ रुपये, केंद्र सरकार से 18,507.82 करोड़ रुपये, जीपीएफ से 24,719.92 करोड़ रुपये और एलआईसी, जीआईसी, आरईसी तथा ओएमडीएसी से 2,157.22 करोड़ रुपये लिये।