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चंडीगढ़ जा रहे किसानों की पुलिस से झड़प , अनेक किसान हिरासत में

अम्बाला, 22 अगस्त: संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर बारिश और बाढ़ के कारण फसल नुकसान का मुआवजा, ऋण वसूली स्थगित करने, मनरेगा के तहम कम से कम 200 दिन काम देने, एमएसपी गारंटी समेत कई
मांगों को लेकर हरियाणा से चंडीगढ़ के लिये कूच कर रहे किसानों की आज यहां पुलिस से झड़प हो गई जिसके बाद
पर किसानों को हिरासत में ले लिया गया।
किसान ट्रैक्टर ट्रॉलियों में अम्बाला-हिसार बाईपास से होते हुये शंभू टोल प्लाजा की ओर से चंडीगढ़ जा रहे थे , लेकिन प्रशासन और पुलिस ने इन्हें रोकने के लिये रास्ते में जगह – जगह भारी पुलिस बल तैनात करने के साथ नाकेबंदी कर
रखी थी। यहां वाटर कैनन भी तैनात की गई थीं। किसानों ने नाकेबंदी तोड़ कर आगे बढ़ने का प्रयास किया तो पुलिस ने इन्हें रोका। किसानों के विरोध करने पर इनकी पुलिस के साथ धक्का-मुक्की भी हुई , जिस पर अनेक किसानों को ट्रैक्टरों से उतार कर हिरासत में ले लिया गया , लेकिन कुछ किसान नाका तोड़ पर आगे बढ़ने में सफल रहे लेकिन पुलिस ने इन्हें दूसरे नाके पर रोक लिया जहां फिर से किसानों की ओर से जबरदस्त विरोध हुआ और इन्होंने पुलिस कार्रवाई और अपने साथियों को हिरासत में लिये जाने के विरोध में नारेबाजी शुरू कर दी। इस दौरान पुलिस अधीक्षक जश्नदीप रंधावा खुद मोर्चा सम्भाले हुये थे और वह पुलिस को दिशानिर्देश देते और किसानों से वापस लौटने की अपील करते दिखे।
किसान संगठन, बारिश और बाढ़ से फसलों को हुये नुकसान के लिये प्रति एकड़ 50 हजार रुपये मुआवजा, मवेशियों की मौत, बोरवेल खराब होने, घग्गर योजना के तहत सभी नदियों में बाढ़ का स्थाई समाधान करने, खेतों में भरा रेत उठाने के लिए खनन की अनुमति देने, बाढ़ में जान गंवाने वालों के आश्रितों को 10-10 लाख रूपये मुआवजा, एक साल के लिए सभी ऋण और ब्याज माफ, एमएसपी गारंटी और मनरेगा योजना के तहत 200 दिन तक काम देने की मांग कर रहे हैं।
इससे पहले चंडीगढ़ में रोष प्रदर्शन में भाग लेने जा रहे पांच किसानों को पुलिस ने कुरूक्षेत्र शाहबाद में हिरासत में ले लिया। इनमें भारतीय किसान यूनियन शहीद भगत सिंह गुट के नेता शामिल हैं। इससे पहले पुलिस ने किसान यूनियन के जिलाध्यक्ष संजू आलमपुर समेत अनेक किसानों को सोमवार को ही हिरासत में ले लिया था तथा अन्य नेताओं की गिरफ्तारी के लिये रातभर छापामारी करती रही। लेकिन इसके बावजूद अनेक किसान नेता पुलिस को चकमा देकर अन्य वाहनों से चंडीगढ़ पहुंचने में सफल रहे हैं।
पुलिस कार्रवाई और अपने साथियों को रिहा कराने के विरोध में अनेक किसानों ने सुबह अम्बाला-हिसार राजमार्ग एक
ओर से जाम कर दिया है। इस मार्ग पर हिसार-चंडीगढ़ रोड बंद है लेकिन चंडीगढ़-हिसार राजमार्ग खुला है। इन किसानों का नेतृत्व भारतीय किसान यूनियन शहीद भगत के प्रवक्ता तेजवीर सिंह कर रहे हैं। हिसार के किसान नेता सुरेश कोथ भी इनके साथ हैं। यहां पर हरियाणा और पंजाब दोनों राज्यों की पुलिस ने अपनी – अपनी ओर नाकेबंदी कर रखी है और बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है।

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