जी20 ‘साइंस इंसेप्शन मीट’ पुड्डुचेरी में शुरू
पुड्डुचेरी 30 जनवरी : केंद्र शासित प्रदेश पुड्डुचेरी में दो दिवसीय जी20 ‘साइंस इंसेप्शन मीट’ सोमवार से यहां शुरू हुई।
बैठक की सह-अध्यक्षता भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी (आईएनएसए) के अध्यक्ष प्रोफेसर आशुतोष शर्मा ने की।
भारत की जी20 अध्यक्षता के दौरान इंडोनेशिया और ब्राजील भारत के साथ-साथ ट्रोइका सदस्य हैं।
एस20 एंगेजमेंट ग्रुप को 2017 में जर्मनी की अध्यक्षता के दौरान शुरू किया गया था। इसमें जी20 देशों की राष्ट्रीय विज्ञान अकादमियां शामिल हैं।
एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि यह नीति निर्माताओं को अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों वाले टास्क फोर्स के माध्यम से तैयार की गई सर्वसम्मति-आधारित विज्ञान संचालित सिफारिशों के साथ प्रस्तुत करता है।
जी 20 में शामिल 11 देशों ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, चीन, यूरोपीय संघ, फ्रांस, भारत, कोरिया गणराज्य, तुर्की, रूस, ब्रिटेन और अमेरिका के कुल 15 विदेशी प्रतिनिधि ‘इंसेप्शन मीटिंग’ में भाग ले रहे हैं।
‘इंसेप्शन मीटिंग’ में लगभग 50 प्रतिनिधि, भारत भर के विभिन्न शोध और शैक्षणिक संस्थानों के विशेष आमंत्रित सदस्य भी भाग ले रहे हैं।
भारत, जी20 के अध्यक्ष के रूप में, जी20 को वास्तव में ‘समावेशी,महत्वाकांक्षी, निर्णायक और कार्रवाई-उन्मुख’ बनाने की ओर अग्रसर है, जैसा कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने भी आग्रह किया है।
विज्ञान20 का एजेंडा समावेशी और सतत विकास के लिए विज्ञान की योजना तथा उपयोग में इस सिद्धांत को दर्शाता है।
इस वर्ष विज्ञान-20 का विषय ‘नवोन्मेषी और सतत विकास के लिए विघटनकारी विज्ञान’ है। इस व्यापक विषय के तहत, एस20 की आगामी बैठकें तीन क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करेंगी जिसमें हरित भविष्य के लिए स्वच्छ ऊर्जा, सार्वभौमिक समग्र स्वास्थ्य तथा विज्ञान को समाज एवं संस्कृति से जोड़ना शामिल है।
बाद की बैठकों के स्थानों में सिक्किम, बंगाराम द्वीप (लक्षद्वीप) और भोपाल (मध्य प्रदेश) शामिल हैं। अंतिम जी20 शिखर बैठक तमिलनाडु के कोयम्बटूर में होगी।
एस20 स्थापना बैठक का लक्ष्य इन बाकी बैठकों के लिए व्यापक एजेंडा निर्धारित करना है ताकि जी20 सदस्य देशों की वैज्ञानिक अकादमियों द्वारा विस्तृत जानकारी प्रदान की जा सके।
इन चुनौतियों का समाधान करने के लिए क्रॉस-डिसिप्लिनरी और बहुपक्षीय वैज्ञानिक सहयोग तथा वैश्विक गठजोड़ की आवश्यकता है।
एस20 ‘इंसेप्शन बैठक’ जलवायु परिवर्तन, स्वास्थ्य देखभाल तथा विज्ञान को समाज और संस्कृति का अभिन्न अंग बनाने जैसी समस्याओं के रचनात्मक समाधान प्रदान करने की दिशा में जी20 सदस्य देशों के बीच उपयोगी वैज्ञानिक संवाद को बढ़ावा देगी और प्रोत्साहित करेगी। इन चर्चाओं का एजेंडा संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्यों और 2030 एजेंडा के अनुरूप भी है।