केरल सरकार संवैधानिक मूल्यों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध : विजयन
तिरुवनंतपुरम, 23 जनवरी : केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने सोमवार को कहा कि उनकी सरकार वर्तमान में कई चुनौतियों का सामना कर रहे संवैधानिक मूल्यों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।
श्री विजयन ने यहां जारी विज्ञप्ति में कहा, “हमारी राष्ट्रीय एकता की महत्वपूर्ण नींव और संविधान के मूल ढांचे के हिस्से लोकतंत्र, धर्मनिरपेक्षता, बहुल मूल्य और संघवाद की रक्षा के लिए हमें विशेष प्रयास करने की जरूरत है। धार्मिक, भाषाई और अन्य क्षेत्रों में आधिपत्य की प्रवृत्ति अपनी एकता को मजबूत करने के लिए विविधता का सम्मान करने वाले लोकतंत्र के निर्माण में बाधा डालती है।”
उन्होंने कहा कि एक मजबूत राष्ट्र के लिए एक मजबूत केंद्र, सशक्त राज्यों और सक्रिय रूप से कार्यरत स्थानीय सरकारों की आवश्यकता होती है। राष्ट्र की राजनीति की काया को मजबूत बनाने के लिए ताकतवर अंगों की आवश्यकता होती है।
मुख्यमंत्री ने सामाजिक क्षेत्रों में राज्यों की भारी जिम्मेदारियाें का हवाला देते हुए कहा कि उनकी वित्तीय स्थिति मजबूत होनी चाहिए। उन्हाेंने कहा कि राज्यों की उधार लेने की सीमा को कम करने के हाल के उपायों से स्वास्थ्य, शिक्षा और ढांचागत क्षेत्रों में उनके हस्तक्षेप का दायरा भी कम हो गया है।
श्री विजयन ने कहा कि राजकोषीय अनुशासन को सही तरीके से लागू करने में राज्य सरकारों और केंद्र के लिए अलग-अलग मानदंड नहीं हो सकते हैं। हमारे संविधान ने संघ और राज्यों के लिए विधायी स्थान प्रदान किया है। राज्यों के विधायी डोमेन में घुसपैठ एक सहकारी संघीय व्यवस्था के लिए अच्छा नहीं है। उन्होंने कहा कि विधानसभाएं लोगों की इच्छा का प्रतिनिधित्व करती है, लिहाजा कानून की भावना और विधायिका की मंशा की रक्षा की जानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि प्रेस की स्वतंत्रता हर मजबूत लोकतांत्रिक समाज की एक प्रमुख विशेषता है। स्वतंत्र और निष्पक्ष मीडिया गतिविधियों की रक्षा की जानी है। देश के कुछ हिस्सों में अलग-अलग तरीकों से प्रेस की आजादी पर अंकुश लगाने के कुछ उदाहरण सामने आ रहे हैं। उन्होंने कहा, “मेरी सरकार हमेशा प्रेस की स्वतंत्रता की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।”