हथकरघा उत्पादों पर जीएसटी के खिलाफ केटीआर का ‘पोस्टकार्ड’ अभियान एक मजाक : उत्तम
हैदराबाद, 25 अक्टूबर : कांग्रेस सांसद और तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस कमेटी (टीपीसीसी) के पूर्व अध्यक्ष कैप्टन एन उत्तम कुमार रेड्डी ने मंगलवार को राज्य के उद्योग मंत्री के टी रामाराव द्वारा हथकरघा उत्पादों पर लगाए गए जीएसटी के विरोध में शुरू किए गए ‘पोस्टकार्ड’ अभियान का उपहास किया और इसे तीन नवंबर को मुनुगोड़े उपचुनाव के मद्देनजर इसे नौटंकी करार दिया।
श्री रेड्डी ने कहा कि जब केंद्र में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार ने 01 जुलाई, 2017 से खादी हथकरघा, हस्तशिल्प, चटाई, बर्तन और हल सहित हथकरघा उत्पादों पर जीएसटी लगाया, तो टीआरएस सरकार ने न केवल प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी का बचाव किया बल्कि कांग्रेस पार्टी को इसका विरोध करने से रोका।
कांग्रेस उम्मीदवार के समर्थन में कई जन सभाओं को सम्बोधित करते हुये उन्होंने कहा कि दरअसल जीएसटी लागू होने का जश्न मनाने वालों में मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव सबसे आगे थे। अब मुनुगोड़े उपचुनाव के कारण, टीआरएस नेता लोगों को गुमराह करने के लिए ‘पोस्टकार्ड’ और ‘ऑनलाइन हस्ताक्षर’ अभियान का नाटक कर रहे हैं।
टीपीसीसी के पूर्व अध्यक्ष ने पूछा कि केटीआर को ट्विटर और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से मांग करने की आवश्यकता क्यों है। “जुलाई 2017 के बाद से टीआरएस सरकार ने कभी भी हथकरघा पर जीएसटी पर आपत्ति क्यों नहीं जताई? हथकरघा मंत्री के रूप में केटीआर ने कितनी बार केंद्र को एक आधिकारिक पत्र भेजा है जिसमें जीएसटी को वापस लेने की मांग की गई है?
उन्होंने सवाल किया कि केसीआर केंद्र के साथ आधिकारिक रूप से (सरकार से बात करने में क्यों झिझक रहे हैं और मीडिया एवं सोशल मीडिया के माध्यम से मांग उठाना केवल विपक्षी दलों के लिए उपयुक्त है, न कि टीआरएस जैसी सत्तारूढ़ पार्टी के लिए।
कांग्रेस सांसद ने कहा कि अगर टीआरएस सरकार अपनी मांग में ईमानदार है तो राज्य सरकार को हथकरघा उत्पादों पर जीएसटी का बोझ सब्सिडी के रूप में वहन करना चाहिए। हालांकि, उन्होंने कहा कि टीआरएस सरकार मुनुगोड़े उपचुनाव को देखते हुए ही वापस लेने की मांग कर रही है और वह उपचुनाव हारने के बाद इस मुद्दे पर चुप्पी साध लेगी।