एमजीएम ने बायोरेसोरेबल मेश लगाने की प्रक्रिया को सफलतापूर्वक पूरा किया
चेन्नई, 03 मार्च : एमजीएम हेल्थकेयर ने तमिलनाडु में पहली बार एक रोगी के वेंट्रल हर्निया को ठीक करने के लिए बायोरेसोरेबल मेश लगाने की प्रक्रिया को सफलतापूर्वक पूरा किया।
मिनिमल एक्सेस (जीआई) और बेरियाट्रिक सर्जरी के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. दीपक सुब्रमण्यन ने बताया कि इस प्रक्रिया को इनसिजनल हर्निया ग्रसित एक 28 वर्षीय महिला पर पूरा किया गया, जिसमें फासिक्स बायोरेसोरेबल मेश लगाया गया।
उन्हाेंने कहा कि रोगी का सी-सेक्शन का इतिहास रहा है और एक बड़ा घाव का निशान था जो हर्निया सर्जरी चीरे से उत्पन्न हुआ था। रोगी को लगातार परेशानी हो रही थी और उसका एमजीएम हेल्थकेयर में लैप्रोस्कोपिक बायोरेसोरेबल मेश प्रतिस्थापित किया गया। इस बायोरेसोरेबल मेश का उपयोग प्रायः आंतों के संक्रमण वाले रोगियों के इलाज में किया जा सकता है, जबकि सामान्य मेश को तब तक नहीं रखा जा सकता है जब तक कि आंतों का संक्रमण कम न हो जाए।
डॉ. सुब्रमण्यन ने कहा बायोरेसोरेबल मेश वेंट्रल और इनसीजनल हर्निया के रोगियों के लिए एक विकल्प साबित हो सकता है। इस बायोरेसोरेबल मेश का उपयोग उन महिलाओं में हर्निया की मरम्मत के लिए किया जा सकता है जो सर्जरी के बाद गर्भवती होना चाहती हैं और इसे पूर्ण अवशोषित होने के लिए दो वर्षों का समय लगता है।
उन्होंने कहा कि यह मेश उन महिलाओं के लिए एक आश्चर्यजनक विकल्प है जो हर्निया की सर्जरी के बाद गर्भवती होना चाहती हैं। इसके अलावा, यह उन रोगियों के लिए भी वरदान साबित हो सकता है जिनमें घाव संक्रमण या उपचार समस्याओं का उच्च जोखिम है, क्योंकि मेश इन जोखिमों को कम कर सकता है और सफल इलाज की संभावना में सुधार ला सकता है।