पार्टी से मेरा निलंबन गैर संविधानिकः कौर
जालंधर 6 नवंबर : शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (एसजीपीसी) की पूर्व अध्यक्ष बीबी जागीर कौर ने रविवार को कहा कि शिरोमणि अकाली दल (शिअद) से उनका निलंबन गैर संविधानिक है।
श्रीमती कौर ने कहा कि शिअद की कोर समिति पहले ही भंग की जा चुकी है, इसलिए किसी भी अनुशासन समिति द्वारा उनका निलंबन गैर संविधानिक है। पार्टी द्वारा उन्हें स्पष्टीकरण देने के लिए दिए गई समय सीमा के संबंध में उन्होंने कहा कि उन्होंने पार्टी नेतृत्व से पूछा था कि उन्हें किस गुनाह के लिए निलंबित किया गया है। जब कोर समिति ही नहीं है, तो ऐसे में उनके निलंबन का फैसला किसने लिया।
श्रीमती कौर ने कहा कि उनके द्वारा पूछे गए सवालों का पार्टी ने अभी तक कोई जवाब नहीं दिया है। उन्होने आरोप लगाया कि शिअद द्वारा एसजीपीसी के सदस्यों उन्हें वोट नहीं देने के लिए धमकाया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि एसजीपीसी की चार बार अध्यक्ष रह चुकी कौर ने पार्टी के फैसले के विरुद्ध जा कर एसजीपीसी अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने का फैसला किया है, जिसके लिए उन्हें पार्टी से निलंबित कर दिया गया है। श्रीमती कौर ने कहा कि चाहे उन्हें पार्टी से निलंबित कर दिया गया है, लेकिन अकाली दल में उनके परिवार का सौ वर्ष का इतिहास है, इसलिए वह चुनाव के बाद शिअद के लिए प्रचार करती रहेंगी।
उन्होंने अपना चुनाव एजेंडा जारी करते हुए कहा कि एसजीपीसी एक धार्मिक संस्था है जो सिख पंथ के प्रचार प्रसार के लिए कार्य करती है और इसके राजनीतिक सहयोग के लिए ही शिरोमणि अकाली दल का गठन किया गया था। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ दशकों से शिअद ने एसजीपीसी के अधिकार क्षेत्र में हस्तक्षेप करते हुए एसजीपीसी के अध्यक्ष पद के लिए लिफाफे से नाम निकालने की प्रथा शुरू कर दी है, जो सिख पंथ के लिए हानिकार है। उन्होंने कहा कि वह इस प्रथा को तोड़ने के लिए चुनाव लड़ रही हैं, ताकि एसजीपीसी की अहमियत को बरकरार रखा जा सके।
श्रीमती कौर ने कहा कि श्री अकाल तख्त साहिब सर्वोच्च संस्था है जिसके आदेश का पालन करना एसजीपीसी और सभी सिखों के लिए जरूरी है, लेकिन मौजूदा एसजीपीसी श्री अकाल तख्त साहिब के आदेश का उचित पालन नहीं कर रही है। उन्होंने कहा कि श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ने एसजीपीसी को अपना टीवी चैनल शुरू करने के लिए कहा था, जिस पर एसजीपीसी अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी ने सात दिनों के भीतर चैनल शुरू करने की बात कही थी, लेकिन इतना समय बीत जाने पर भी चैनल शुरू नहीं हो पाया है।
उन्होंने कहा कि अगर वह एसजीपीसी अध्यक्ष पद के लिए चुनी जाती हैं, तो वह एसजीपीसी की मर्यादा को कायम रखने के लिए सिख कौम के बुद्धिजीवियों को साथ लेकर कार्य करेंगी। वह सिख घर्म के प्रचार को शिक्षा के लिए कार्य करेंगी तथा एसजीपीसी और श्री अकाल तख्त साहिब की प्रभूसत्ता को कायम रखा जाएगा।