वर्ष 1949 से त्रिुपरा की विकास यात्रा पर पुस्तिका का विमोचन
अगरतला 31 अगस्त : त्रिपुरा के उपमुख्यमंत्री जिष्णु देव वर्मा ने मंगलवार को ‘1949 से त्रिपुरा के विकास की झलक’ नाम की एक पुस्तिका का अनावरण किया।
पुस्तिका त्रिपुरा सरकार की ओर प्रकाशित की गयी है।
पन्द्रह अक्टूबर , 1949 को भारतीय संघ में विलय के बाद त्रिपुरा में चयनित सरकार द्वारा शुरु किये गये विकास कार्याे पर प्रकाश डालते हुए श्री देव वर्मा ने कहा कि सरकार के अनुचित अभिविन्यास के कारण राज्य के विकास की वृद्धि अपेक्षित गति से नहीं रही।
श्री वर्मा ने रेखांकित किया, “त्रिपुरा के राजाओं ने अधिकांश बुनियादी ढांचे का निर्माण किया था जिनकी हालत जैसी भी है लेकिन सड़कों, भवनों और उपयोगिता सेवाओं का सुधार, नवीनीकरण और आधुनिकीकरण 2018 तक कम्युनिस्ट और कांग्रेस शासन के दौरान औसत से कम काम हुआ।
उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली सरकार के सत्ता में आने के बाद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी त्रिपुरा सरकार के लिए मार्गदर्शक शक्ति बन गए, जो कांग्रेस और संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) शासन में ऐसा नहीं था। उन्होंने कहा कि स्वाभाविक रूप से राज्य को अन्य राज्यों की तरह समान अवसर और समर्थन दिया गया है और बुनियादी ढांचे के सुधार में बहुत मदद की ।
शाही परिवार से जुड़े श्री वर्मा ने कहा कि दुर्भाग्य से विलय के 73 वर्षों के बाद भी त्रिपुरा के पास राजशाही से लोकतंत्र तक की यात्रा और संकीर्ण हितों से परे त्रिपुरा के समग्र विकास में शाही महल की भूमिका के बारे में उचित दस्तावेज या प्रकाशन नहीं था।
उन्होंने कहा,“ दस्तावेज़ीकरण बहुत महत्वपूर्ण है और उचित दस्तावेज़ीकरण के बिना इतिहास की हमेशा गलत व्याख्या की जाती है। हमने देखा है कि कैसे अलग-अलग तरह से इतिहास को राज्य में पेश किया जा रहा है और शाही युग के इतिहास की गलत व्याख्या की गई है। ”